
Unique Village: आपने हमेाशा कई अनोखे गांवों और उनकी परंपराओं के बारे में सुना होगा। लेकिन आज हम आपको जिस गांव के बारे में बताने जा रहे हैं, उसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। यह एक ऐसा गांव है जहां की महिलाएं कपड़े नहीं पहनती हैं। ऐसा नहीं है कि महिलाएं पूरे साल या कभी भी कपड़े नहीं पहनती हैं बल्कि साल में सिर्फ 5 दिन ऐसे आते हैं, जिनमें महिलाएं कपड़े नहीं पहनती हैं।
अब आपके मन में कई सवाल आ रहे होंगे कि क्या महिलाएं बिना कपड़ों के बाहर भी घूमती हैं? आखिर देश के कौन सा यह अनोखा गांव है? तो इस लेख में हम आपको सब कुछ बताने जा रहे हैं। आपको बता दें कि यह गांव कहीं ओर नहीं बल्कि हमारे भारत में ही है।

कहां है यह Unique Village?
जी हां, हम जिस गांव की बात कर रहे हैं वो विदेश में नहीं बल्कि अपने देश भारत में है। यह गांव हिमालच प्रदेश में है। हिमाचल प्रदेश की मणिकर्ण घाटी में ‘पिणी‘ नाम के गांव में सदियों से एक प्रथा चलती आ रही है, जिसमें साल में 5 दिन महिलाएं कपड़े नहीं पहनती हैं। ये साल के पांच दिन होते हैं। इन पांच दिनों तक कोई भी बाहरी शख्स पीणी गांव में नहीं आ सकता है। यह प्रथा सदियों से चली आ रही है। यहां के लोग सख्ती से इसका पालन भी करते हैं।

Unique Village: क्या महिलाएं बिना कपड़ों के बाहर घूमती हैं?
आपको बता दें कि इन पांच दिन महिलाएं घर पर ही रहती हैं। वे बिना कपड़ों के घर से बाहर नहीं निकलती हैं। ऐसे में, कोई व्यक्ति उन्हें देख नहीं पाता है। वे अपने घर पर ही, अपनी इस प्रथा को आगे बढ़ाती हैं। सिर्फ महिलाएं ही नहीं, बल्कि पुरुष भी इस दौरान कुछ नियम का पालन करते हैं। जैसे कि वे ना तो शराब पी सकते हैं और ना ही नॉन वेज खा सकते हैं। इतना ही नहीं, इन पांच दिनों में पति-पत्नी आपस में बातचीत भी नहीं करते हैं।

Unique Village: औरतें क्यों फॉलो कर रही हैं ये परंपरा?
सुत्रों के अनुसार, अगर इस गांव में परंपरा का पालन नहीं किया जाता है तो महिला के साथ कुछ दिनों बाद कुछ बुरा भी हो जाता है। इस प्रथा में पति-पत्नी एक-दूसरे को देख कर मुस्कुरा भी नहीं सकते हैं। मर्दों को भी इस परंपरा को निभाना अनिवार्य है। ग्रामिणों के अनुसार, अगर पुरूष इस परंपरा को नहीं मानते हैं तो देवता नाराज हो जाते हैं और फिर उस शख्स के साथ कुछ बुरा हो जाता है।

क्या है इस Unique Village का इतिहास
इस परंपरा के इतिहास के पन्ने काफी दिलचस्प हैं। गांव वालों के अनुसार, सदियों पहले उनके गांव पर राक्षसों ने कब्जा किया हुआ था। गांव की सुंदर कपड़े पहनने वाली शादीशुदा महिलाओं को राक्षस अपने साथ ले जाते थे। राक्षसों से गांव वालों की रक्षा करने के लिए ‘लाहुआ घोंड’ नाम के देवता प्रकट हुए। देवता ने राक्षसों को हरा दिया। अब गांव वालों का मानना है कि अगर महिलाएं सुंदर कपड़े पहनेगी तो आज भी राक्षस उन्हें उठाकर ले जा सकते हैं, इसलिए महिलाएं बिना कपड़ों के रहती हैं। अगर कोई महिला अपने शरीर को ढकना चाहती है तो वह बस ऊन से बना एक पटका यूज कर सकती है।
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