हनुमान जयंती का त्योहार उनके भक्तों के लिए एक खास ही महत्व रखता है। चैत्र शुक्ल की पूर्णिमा को मनाया जाने वाला हनुमान जयंती का त्योहार इस बार 11 अप्रैल को मनाया जा रहा है। 2017 में संकटमोचन का यह त्योहार बेहद खास है। ज्योतिषियों की गणना के अनुसार 120 साल बाद यह संयोग देखने को मिला है।

क्यों खास है 2017 की हनुमान जयंती –

बजरंग बली का यह पावन त्योहार यूं तो हर बार ही खास होता है मगर इस बार का योग सदियों बाद देखने को मिल रहा है। 11 अप्रैल को जो वार, तिथि, नक्षत्र पड़ रहे है वह ठीक उस शुभ घड़ी से मिल रहे हैं जब त्रेता युग में संकटमोचन हनुमान ने वानररुप में मां अंजनी की कोख से जन्म लिया था। दिन मंगलवार, पूर्णिमा तिथि, चित्रा नक्षत्र योग मिलकर उसी शुभ संयोग का संकेत कर रहे हैं। साथ ही गजकेसरी और अमृतयोग भी इस बार की जयंती पर बन रहा है। माना जा रहा है कि ऐसा ही शुभ अवसर साल 2021 में भी एक बार फिर देखने को मिलेगा। हनुमान जयंती पर जिन लोगों पर शनि के साढ़ेसती और ढैय्या चल रही होगी, उनके लिए भी यह दिन काफी शुभ माना जा रहा है।

कैसे करें राम-दूत हनुमान जी को प्रसन्न-

शास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी भगवान शिव के 11वें अवतार हैं जिनका जन्म ही मृत्युलोक में इस मन्शा से हुआ था कि वह अपने भक्तजनों के संकटों को हर लें। हनुमान जयंती पर आप सुबह उठकर, नहाधोकर मंदिर में जाइए। कहा जाता है कि अगर आप श्रीराम की भी पूजा करेंगे तो आप पर हनुमान जी की कृपा बनी रहेगी। तो आप इस शुभ दिन पर रामचरितमानस के सुंदरकांड का पाठ और हनुमान चालीसा पढिए।  केसरीनंदन के मंदिर में देसी घी और सरसों का दीया जलाएं। हनुमान जी को सिंदूर का तिलक लगाइए। हनुमान जी का पान का बीड़ा चढ़ाना न भूलें, साथ ही इमरती का भोग लगाना भी शुभ माना जाता है। मंगलवार को हनुमान जी पर गुलाब के फूलों की माला चढ़ाना बेहद अहम माना जाता है, कहते है हनुमान जी को राजी करने का यह सबसे सरल उपाए है। सच्चे मन से भगवान की अराधना कीजिए, निश्चित तौर पर आपके सारे काज सफल होंगे और आपका दिन मंगलमय होगा।

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