NASA के वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के आकार के सात नए ग्रहों का पता लगाया है। खगोलीय वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि इन सात में से तीन ग्रहों पर जीवन की संभावना है। इन सभी की खोज स्पिट्जर स्पेस टेलीस्कोप से की गई है। इसमें पाया गया है कि ये ग्रह पृथ्वी जितने बड़े हैं। नासा ने इन ग्रहों की खोज कर इतिहास रच दिया है।
नासा ने अपने वॉशिंगटन स्थित मुख्यालय में इस खोज की घोषणा प्रेस कॉन्फ्रेंस में की। गौरतलब है कि खगोलीय वैज्ञानिक पहले भी ग्रहों की खोज कर चुके हैं, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है जब पृथ्वी के आकार जैसे सात ग्रह मिले हों। यह सभी ग्रह ट्रैप्पिस्ट-1 नामक तारे के ईर्द-गिर्द घूमते हैं। बहुचर्चित विज्ञान पत्रिका ‘नेचर’ ने बुधवार को अपने संस्करण में प्रकाशित किया जिसमें इन ग्रहों की दूरी पृथ्वी से 40 प्रकाश वर्ष बताई गई है।
New record! We’ve found 7 Earth-sized planets around a single star outside our solar system; 3 in habitable zone: https://t.co/GgBy5QOTpK pic.twitter.com/NEavRSXDU2
— NASA (@NASA) February 22, 2017
बेल्जियम यूनिवर्सिटी ऑफ लेज के प्रसिद्ध लेखक माइकल गिल्लन ने बताया है, “ये सारे ग्रह एक दूसरे के बेहद करीब हैं। साथ ही ये सातों ग्रह अपने तारे से काफी नजदीक स्थित हैं। इनकी स्थिति बृहस्पति के आसपास मौजूद चंद्रमाओं से काफी मिलती है।”
माइकल के मुताबिक, “तारा इतना ठंडा और आकार में इतना छोटा है कि माना जा रहा है कि सातों ग्रह का तापमान समशीतोष्ण है। अर्थात् वहां पानी तरल अवस्था में हो सकता है। और संभव है कि वहां की सतह पर जीवन संभव हो सके।”
शोधकर्ताओं को इन ग्रहों में से एक की दो बार झलक दिखी। उसके बाद नासा के स्पिट्जर स्पेस टेलीस्कोप से इनकों देखा गया। जानकारों की माने तो अगले कुछ दशकों में शोधकर्ता इन ग्रहों के वातावरण के संबंध में पता लगाने का प्रयास करेंगे जिससे यह पक्का हो पाएगा कि उनकी सतह पर पानी एवं जीवन की संभावना है भी या नहीं। हालांकि, 40 प्रकाश वर्ष सुनने में तो बहुत ज्यादा नहीं लग रहा है, लेकिन उन तक पहुंचने में हमें लाखों वर्ष लग जाएंगे।
क्या है TRAPPIST-1
वैज्ञानिकों ने एक सोलर सिस्टम खोजने का दावा किया है, जिसमें सात ग्रह हैं। ये पृथ्वी से 39 प्रकाश वर्ष दूरी पर स्थित है। ये सभी ग्रह TRAPPIST-1 नामक तारे का चक्कर काट रहे हैं।
कैसा है TRAPPIST-1
ये एक ड्वार्फ स्टार है। जो हमारे सूर्य से 10 गुना तक छोटा और 2.5 गुना ठंडा है। ये सूर्य की अपेक्षा जूपिटर जैसा ज्यादा लगता है। ये बात सही है कि इसके ग्रह, पृथ्वी की तरह लगते हैं। हालांकि ये सभी ग्रह एक-दूसरे के काफी पास हैं।