ढाई आखर प्रेम का….इंसान इसके लिए क्या नहीं कर गुजरता। कहते हैं प्यार में डूबे शख्स को अपने महबूब से सुंदर कुछ नहीं दीखता।
आजमगढ़ के छोरे और लन्दन में पढ़ रही रोमानियन गोरी के बीच ऐसा प्यार पनपा कि जाति, धर्म, रूप-रंग ही नहीं सात समंदर पार की दूरियां भी सिमट गयी। वह प्रेमी के साथ रहने व आजमगढ़ की बहू बनने के लिये भारत आ गई।
आजमगढ़ के मुबारकपुर थाना क्षेत्र के बनकट लाडो निवासी श्रवण कुमार चौहान टूरिज्म एंड होस्पिटैलिटी की पढाई करने 2009 में लन्दन गया। वहीँ साथ में पढ़ रही रोमानिया की युवती सिमोना गिन्गेज़ से आँखें चार हो गयीं और दोनों की दुनिया ही बदल गयी। आम तौर पर ऐसे मामलों में देशी छोरे वहीं के हो कर रह जाते हैं लेकिन यह जोड़ा अलग निकला। दोनों वापस आजमगढ़ आये। लेकिन दोनों के अलग देश धर्म का होने से तमाम अड़चने रहीं लेकिन आखिरकार जीत प्यार की ही हुई। दोनों देशों ने अनुमति दी।
दोनों देशों की अनुमति मिलने के बाद आजमगढ़ के जिलाधिकारी कार्यालय में इनकी शादी हुई। बिना बाराती बिना बैंड बाजा और बिना पंडित के। प्रशासनिक अफसरों की मौजूदगी में स्पेशल मैरेज एक्ट के जरिये लन्दन की छात्रा आजमगढ़ की बहु बन गयी। शादी के बाद खुशी की चमक दोनों के चेहरे पर साफ़ झलक रही थी। एक दूसरे का मुँह मीठा करने के बाद जोड़े ने वहाँ मौजूद सभी बड़ों का आशीर्वाद भी लिया।