Land For Eidgah: उत्तराखंड में दो हिन्दू बहनों ने ईदगाह के लिए भूमि दान की है। अपने स्वार्गीय पिता की आखिरी इच्छा पूरी करने के लिए दोनों बेटियों ने 20,400 वर्ग फुट की भूमि दान की है। काशीपुर (उत्तराखंड) के निवासी बृजानंदन प्रसाद रस्तोगी का देहांत 20 साल पहले हो गया था।
अपने आखिरी समय में उन्होंने ईदगाह को ज़मीन दान करने की इच्छा रिश्तेदारों से जाहिर की थी। पिता के जाने के 20 साल बाद उनकी 2 बेटियों को जब इस इच्छा का पता चला तब उन्होंने अपनी खेती की भूमि को ईदगाह के लिए दान कर दिया।
Land For Eidgah: बेटियों ने की पिता की इच्छा पूरी
दिव्यंगत बृजानंदन प्रसाद रस्तोगी की दो बेटियां और एक बेटा है। उनका बेटा राकेश काशीपुर में ही रहता है। उनकी बेटियां सरोज और अनीता दिल्ली और मेरठ में रहती हैं। रिश्तेदारों ने जब दोनों बहनों से पिता की इच्छा का जिक्र किया तब दोनों बहनों ने उत्तराखंड आकर पिता की इच्छा पूरी की।
बहनों के हाथों पिता की आखिरी इच्छा को पूरा होता देख उनके भाई राकेश ने खुशी जताई है। राकेश ने कहा कि बहनों के हाथ से भूमि दान से पिता की आत्मा को शांति मिलेगी।
Land For Eidgah: ईदगाह कमेटी के प्रमुख ने जताई खुशी
काशीपुर की ईदगाह कमेटी के प्रमुख हसीन खान ने रस्तोगी परिवार का शुक्रिया अदा किया। अपनी खुशी जाहिर करते हुए हसीन खान ने कहा कि हम दान की भूमि पर सालों से नमाज़ अदा करते आ रहे हैं। रस्तोगी परिवार खुद जमीन साफ कर भूमि उपलब्ध कराता था। अब ज्यादा से ज्यादा लोग खास मौकों पर बिना किसी बाधा के एक साथ नमाज़ अदा कर पाएंगे।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि परिवार ने ईदगाह में पिता के नाम की पत्थर की शिला रखवाने की मांग की है। इस इच्छा को जरूर पूरा किया जाएगा और ईदगाह की जमीन पर चारदीवारी पर पत्थर की शिला स्थापित की जाएगी।
Land For Eidgah: आपसी सौहार्द की मिसाल कायम करती दो बहनें
दोनों बहनों के इस कदम की इलाके में हर तरफ तारीफ हो रही है। उनके इस कदम से दोनों धर्मों की एकता मजबूत होगी। एक ओर जहां देश में सांप्रदायिक सद्भाव खराब हो रखा है ऐसे वक्त में इस तरह की खबर आना हिन्दू-मुस्लिम एकता को बढ़ावा देता है।
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