आयुष्मान कार्ड खो जाने पर क्या होगा इलाज? जानिए नियम और प्रक्रिया

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आयुष्मान कार्ड खो जाने पर क्या होगा इलाज? जानिए नियम और प्रक्रिया
आयुष्मान कार्ड खो जाने पर क्या होगा इलाज? जानिए नियम और प्रक्रिया

आयुष्मान भारत योजना (प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना) के तहत देश के करोड़ों लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिलती है। लेकिन कई बार कार्ड के खो जाने या टूट जाने पर लोग असमंजस में पड़ जाते हैं कि क्या अब वे इस योजना के तहत मुफ्त इलाज का लाभ उठा पाएंगे या नहीं। अगर आपका आयुष्मान कार्ड खो गया है, टूट गया है, या क्षतिग्रस्त हो गया है, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। सरकार ने इसके लिए एक सरल प्रक्रिया और स्पष्ट नियम बनाए हैं।

आयुष्मान कार्ड की भूमिका और महत्व

आयुष्मान कार्ड आपके पहचान पत्र की तरह काम करता है, जिससे आप इस योजना के तहत शामिल हैं या नहीं, यह पता चलता है। इस कार्ड के जरिए किसी भी पैनल में शामिल अस्पताल में ₹5 लाख तक का कैशलेस इलाज कराया जा सकता है।

क्या होता है अगर कार्ड खो जाए या टूट जाए?

इलाज नहीं रुकता:

अगर आपका आयुष्मान कार्ड खो जाता है या टूट जाता है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप मुफ्त इलाज का लाभ नहीं ले पाएंगे। आप कार्ड के बिना भी योजना का फायदा उठा सकते हैं, बशर्ते आपका नाम आयुष्मान योजना की सूची में हो।

आधार या अन्य दस्तावेजों से काम:

अस्पताल में अपना आधार कार्ड या पहचान का कोई और वैध दस्तावेज दिखाकर योजना के तहत इलाज शुरू करा सकते हैं। अस्पताल आपकी जानकारी को योजना के डेटाबेस से सत्यापित करेगा।

खोए हुए कार्ड को कैसे बनवाएं?

नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) जाएं:
अपने आधार कार्ड और मोबाइल नंबर के साथ पास के CSC केंद्र पर जाएं।

डेटाबेस में जानकारी जांचें:

वहां आपकी पात्रता को चेक किया जाएगा। अगर आप योजना के तहत पात्र हैं, तो नया कार्ड जारी किया जाएगा।

नया कार्ड बनवाने की फीस:

नया आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए आपको लगभग ₹30 से ₹50 तक शुल्क देना होगा।

आयुष्मान योजना का लाभ उठाने के लिए सुझाव:

अपना कार्ड संभालकर रखें:

कार्ड को प्लास्टिक कवर या किसी सुरक्षित जगह पर रखें, ताकि वह टूट-फूट से बचा रहे।

इलेक्ट्रॉनिक कॉपी रखें:

कार्ड की स्कैन की गई कॉपी अपने मोबाइल या ईमेल में सेव करके रखें, जिससे जरूरत पड़ने पर आप उसे दिखा सकें।

हेल्पलाइन का उपयोग करें:

अगर कोई दिक्कत आती है, तो आप आयुष्मान भारत हेल्पलाइन नंबर 14555 या 1800-111-565 पर संपर्क कर सकते हैं।