‘तुम जैसे गए ऐसे भी जाता नहीं कोई…’, अलविदा आरिज़; आपकी पत्रकारिता हमारी प्रेरणा बनी रहेगी

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रहने को सदा दहर में आता नहीं कोई / तुम जैसे गए ऐसे भी जाता नहीं कोई – कैफ़ी आज़मी। एपीएन न्यूज के इनपुट हेड आरिज चंद्रा ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। न सिर्फ आरिज जी के करीबियों बल्कि एपीएन परिवार के लिए भी यकीन करना मुश्किल है। सब यही कह रहे हैं कि आरिज हमसे विदा होने का ये कोई वक्त था भला। 46 वर्षीय आरिज चंद्रा ने पत्रकारिता में एक लंबा सफर तय किया था। 22 अगस्त, 1977 को जन्मे आरिज एपीएन से पहले आज तक , सहारा समय में कार्य कर चुके थे। उन्होंने एक सफल क्राइम रिपोर्टर के तौर पर अपनी पहचान बनाई थी।

आरिज नोएडा स्थित अपने किराये के मकान में रह रहे थे। सोमवार रात उनकी तबीयत अचनाक बिगड़ी। जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। हालांकि अस्पताल द्वारा उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। आरिज न्यूरोलॉजिकल बीमारी से पीड़ित थे और उनका इलाज चल रहा था। लगभग 10 साल पहले उन्हें ब्रेन स्ट्रोक भी हुआ था। उनके पीछे उनकी मां और एक बहन रह गए हैं।

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आरिज जी के निधन पर एपीएन न्यूज की मैनेजिंग डायरेक्टर राजश्री राय ने दुख प्रकट किया और एक शोक संदेश में लिखा, ”बड़े दुख से बताना पड़ रहा है कि आरिज हमारे बीच नहीं रहे। वे एपीएन में इनपुट हेड के रूप में सेवाएं दे रहे थे। उनका काम के प्रति समर्पण और प्रतिबद्धता उन्हें एपीएन परिवार का एक मजबूत स्तंभ बनाती थी।”

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” वे हमेशा प्रयास करते थे कि लोगों तक सटीक खबरें पहुंचें। वे न्यूज रूम को हमेशा जीवंत बनाए रखते थे। उनका ऐसे चले जाना एक अपूर्णीय क्षति है। वे हमेशा हमारी यादों में रहेंगे। इस मुश्किल समय में हम आरिज जी के परिवार के साथ हैं। ईश्नर उनकी आत्मा को शांति दे। आपकी पत्रकारिता हमेशा हम सबको प्रेरित करती रहेगी।”

आरिज जी के निधन पर उनके करीबियों की भी आंखें नम हैं। उनके निधन की खबर पर पत्रकार रोहिणी स्वामी ने सोशल मीडिया पर लिखा, ”वे अपने पीछे एक ऐसी खाली जगह छोड़ गए हैं जो शायद कभी नहीं भर पाए। RIP.”

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उनके एक अन्य मित्र कमलेश ने लिखा , ”दुखद खबर। अलविदा मेरे दोस्त।” अभिषेक चौधरी ने लिखा, ” यकीन नहीं हो रहा! आरिज नहीं रहे। आरिज एक बहुत अच्छे क्राइम रिपोर्टर थे। आपकी बहुत याद आएगी।”

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इसी तरह एपीएन परिवार के सभी सदस्य सदमे में हैं। उन्हें यकीन नहीं हो रहा है कि उनके साथी आरिज इस तरह उनको छोड़कर जा सकते हैं। यकीन करना मुश्किल है लेकिन आरिज जी की पत्रकारिता हमेशा हमको प्रेरित करती रहेगी और वे हमेशा हमारी यादों में रहेंगे।

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