हिंदू राष्ट्रवादी दल शिवसेना का गठन करने वाले बाला साहेब ठाकरे की सोमवार को 91 वीं जयंती थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पूर्व शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे को ट्विटर पर याद किया। उन्होंने बाल ठाकरे के 91वीं जयंती से एक शाम पहले उन्हें याद करते हुए लिखा कि, “बालासाहेब ठाकरे व्यक्तिगत साहस और कई लोगों की उम्मीदों की आवाज़ थे। उनके जन्मदिन पर मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हुँ।” वैसे तो बालासाहेब ठाकरे को कई लोगों ने श्रद्धांजलि दी लेकिन प्रधानमंत्री की श्रद्धांजलि कई मायनों में अहम है क्योंकि शिवसेना और भाजपा के रिश्तों में तनातनी बनी हुई है।
बालासाहेब ठाकरे को सामना के सम्पादकीय में उद्धव ठाकरे ने श्रद्धांजलि देने के साथ पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा। उद्धव ने सम्पादकीय में लिखा आज राष्ट्र और महाराष्ट्र की स्थिति कुछ ठीक नहीं है। आजकल कुछ लोग मोदी की तुलना हिटलर से करते है। लेकिन देश को एक ऐसे हिटलर की आवश्यकता है जो केवल सत्ता के लिए नहीं बल्कि देश के कल्याण के लिए हो। ऐसा शिवसेना प्रमुख बालासाहेब कहते थे। गोधरा दंगे के बाद राजधर्म क्या होता है, इसका ज्ञान देते हुए अटल बिहारी बाजपेयी मोदी जी को गुजरात के मुख्यमंत्री पद से हटाने ही वाले थे पर बालासाहेब ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि मोदी को गुजरात से निकालने की भूल मत करो, मोदी गए तो गुजरात भी जाएगा। उस वक्त मोदी जी को सहारा और समर्थन सिर्फ शिवसेना प्रमुख ने ही किया था।
इस तरह से महाराष्ट्र की राजनीति में अशुरक्षा की भावना से घिरी शिवसेना का ऐसा करना लाजिमी है। लेकिन उसे समय और प्रधानमंत्री पद की गरिमा का ख्याल रखाना चाहिए था।