NATO Dating: बदलते समय के साथ- साथ हमारी कितनी ही आदतें बदलती रहती हैं। हमारा रहन-सहन, खान-पान, बात-चीत करने का तरीका और इतना ही नहीं बल्कि हमारी डेटिंग के तरीके में भी काफी बदलाव देखे जा सकते हैं। हर किसी के प्रेम और रिश्तों की पसंद अलग हो सकती हैं। कुछ लोग अपना जीवन बिताने के लिए एक साथी की आवश्यकता महसूस करते हैं जबकि कुछ लोगों को दूसरों के साथ सिर्फ समय बिताने के लिए रिश्तों में आना पसंद है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। नई पीढ़ी में डेटिंग की अपनी अलग पसंदें हैं और इस नई डेटिंग के तरीके को नाटो कहा जाता है। आइए जानते हैं क्या होता है ‘NATO डेटिंग’..
क्या है NATO Dating?
NATO डेटिंग में लोग एक दूसरे से कुछ भी उम्मीद रखे बिना ही एक दूसरे को डेट करना पसंद करते हैं। NATO डेटिंग लोगों को नई चीजें खोजने और केवल वर्तमान में जीने का सिखाता है वो भी भविष्य की चिंता किए बिना। भारत में 18-25 साल तक के युवा अपने लाइफ पार्टनर को चुनने से पहले काफी कुछ एक्सप्लोर करना चाहते हैं ताकि अंत में सही फैसला ले सके। वे बिना किसी अपेक्षा के दबाव के नए लोगों से मिलना चाहते हैं और अपने रिश्ते और साथ ही खुद को भी एक्सप्लोर करना चाहते हैं।
क्यों बढ़ रहा इसका क्रेज
इस डेटिंग ट्रेंड में आप आगे चलकर क्या होगा, क्या कोई हैप्पी एंडिंग होगी या नहीं? ये सभी बातें सोचे बिना खुद को नई चीजें और नए लोगों को एक्सप्लोर करने का मौका देते हैं।
NATO डेटिंग में लोग केवल आज में जीने को पसंद करते हैं और किसी भी भविष्य की कमिटमेंट नहीं देते है। इस तरह इस डेटिंग में लोग अपने रिश्तों में और अधिक स्वतंत्र और सुखद महसूस करते हैं।
इस डेटिंग ट्रेंड से यह साफतौर पर समझा जा सकता है कि Gen-Z अपनी कहानी की एंडिंग के बारे में फिक्र करने से जयादा अपनी कहानी के सफर पर ध्यान देना चाहती है।
कई बार लोग रिश्तों में प्रवेश करते हैं लेकिन उन्हें यह पता नहीं होता कि उन्हें रिश्ते में क्या चाहिए पर NATO डेटिंग में लोग केवल अनुभवों के लिए ही रिश्तों में प्रवेश करते हैं। इस प्रकार उन्हें यह समझना आसान हो जाता है कि भविष्य के साथी में वे क्या चाहते हैं।
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