Nutrition संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए इन दिनों विकसित देशों में IV थेरेपी (IV Therapy) काफी चलन में है, यह Nutritional जरूरतों को भोजन और और अन्य आहार की तुलना में बेहतर तरीके से पूरा करता है। IV थेरेपी या IV हाइड्रेशन थेरेपी एक ऐसा उपचार है, जिसका उपयोग शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए आवश्यक विटामिन, एंटीऑक्सिडेंट और खनिजों को देकर किया जाता है। ये थेरेपी अस्पतालों द्वारा दिए जाने वाले ड्रिप हाइड्रेशन के समान है, अन्य स्थितियों में यह निर्जलीकरण के लक्षणों को दूर करने में मदद करती है। पोषक तत्वों को सीधे ड्रिप के माध्यम से रक्तप्रवाह में इंजेक्ट किया जाता है।
यह भी माना जाता है कि पोषण IV थेरेपी शरीर से विषाक्त दूर करने, ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने और हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने सहित कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। हालांकि, चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि यह पश्चिम में एक लोकप्रिय है, लेकिन सभी के लिए इसे मान्य नहीं किया जा सकता।
किसे है जरूरत
भाटिया अस्पताल में सलाहकार आंतरिक चिकित्सा डॉ अभिषेक सुभाष का कहना है कि इस चिकित्सा की आवश्यकता उन रोगियों को ज्यादा है जो निर्जलिकरण से गुजर रहे हो। यह चलन हॉलीवुड और लॉस एंजिल्स में प्रचलित है, लेकिन इस थेरेपी के भारत आने के बारे में स्पषट नहीं है।
Healthline.com के अनुसार, पहली IV विटामिन ड्रिप 1970 के दशक में डॉ जॉन मायर्स द्वारा विकसित और प्रशासित की गई थी। हाल ही में, थेरेपी को बढ़ावा देने वाले एक विज्ञापन को लेकर सोशल मीडिया पर डॉक्टरों ने नाराजगी जताई। उनका कहना है कि इस थेरेपी के साइड इफेक्ट भी है।
ये लेना गलत और यह खतरनाक हो सकता है, क्योंकि कोई भी IV द्रव एलर्जी और एनाफिलेक्टिक प्रतिक्रियाओं का कारण बन सकता है और यह जीवन के लिए खतरा हो सकता है। अगर कोई मौखिक तरल पदार्थ ठीक से ले सकता है, तो IV हाइड्रेशन की जरूरत नहीं है।
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