दूध भारतीय रसोई का एक अनिवार्य हिस्सा है। चाहे सुबह की चाय हो, बच्चों का नाश्ता या फिर कोई मिठाई बनानी हो — हर घर में दूध की जरूरत रोज पड़ती है। लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि जो दूध आप और आपके परिवार के सदस्य रोजाना पीते हैं, वह कितना शुद्ध और स्वास्थ्यवर्धक है? आज के समय में जब मिलावटखोरी अपने चरम पर है, यह जानना बेहद जरूरी हो गया है कि कहीं हम धोखे में तो नहीं जी रहे।
आज बाज़ार में ऐसा दूध बिक रहा है जिसमें पानी, स्टार्च, डिटर्जेंट, यूरिया और कई बार सिंथेटिक तत्वों की मिलावट की जाती है। यह सिर्फ दूध का पोषण घटाते हैं, बल्कि इसका नियमित सेवन गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को भी जन्म दे सकता है। खासकर बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं के लिए यह काफी हानिकारक हो सकता है। ऐसे में यह जानना बहुत जरूरी हो जाता है कि दूध शुद्ध है या नहीं — और इसके लिए आपको किसी लैब की जरूरत भी नहीं, बस कुछ आसान घरेलू ट्रिक्स अपनाकर आप खुद जांच कर सकते हैं।
- चिकनी सतह पर पहचानें दूध की शुद्धता
अगर आप घर पर दूध की शुद्धता जांचना चाहते हैं तो इसके लिए आपको बस एक चिकनी सतह चाहिए, जैसे स्टील की थाली या कांच का टुकड़ा। उस सतह पर दूध की कुछ बूंदें टपकाएं और ध्यान से देखें कि वो किस तरह फैलती हैं।
यदि दूध धीरे-धीरे बहता है और पीछे मोटी सफेद लकीर छोड़ता है, तो वह शुद्ध माना जा सकता है। लेकिन अगर दूध तेजी से बह जाए और कोई लकीर न बने, तो इसका मतलब हो सकता है कि उसमें पानी या किसी अन्य तत्व की मिलावट है।
- स्टार्च की मिलावट पहचानने का आसान तरीका
दूध में स्टार्च की मिलावट की जांच के लिए आप घर पर ही आयोडीन टेस्ट कर सकते हैं। इसके लिए दूध में कुछ बूंदें आयोडीन की डालें। अगर दूध का रंग नीला हो जाता है, तो यह इस बात का संकेत है कि उसमें स्टार्च मिलाया गया है। इस तरह की मिलावट लंबे समय में पाचन संबंधी परेशानियां पैदा कर सकती है।
- सिंथेटिक दूध की जांच करें झाग से
एक और आम मिलावट है सिंथेटिक दूध, जिसे आप आसानी से पहचान सकते हैं। इसके लिए दूध को किसी बोतल या जार में डालें और उसे अच्छी तरह से हिलाएं। अगर दूध में जरूरत से ज्यादा झाग बनता है, तो यह सिंथेटिक हो सकता है। असली दूध में हल्की झाग बनती है जो जल्दी बैठ भी जाती है।
मिलावट का असर सेहत पर
दूध में मिलावट सिर्फ स्वाद या पोषण की समस्या नहीं है, यह आपकी सेहत को गहरा नुकसान पहुंचा सकती है। यूरिया और डिटर्जेंट जैसी चीजें लंबे समय तक सेवन करने पर लीवर, किडनी और पाचन तंत्र को बुरी तरह प्रभावित कर सकती हैं। खासकर छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं को इससे दूर रखना बेहद जरूरी है।
सावधानी ही बचाव है
भले ही आपको दूध की शुद्धता पर कोई शक न हो, लेकिन सतर्क रहना जरूरी है। अगर आप पैकेट वाला दूध लेते हैं, तो उसकी एक्सपायरी और ब्रांड की विश्वसनीयता जरूर जांचें। साथ ही, लोकल डेयरी से दूध लेते समय उसकी गुणवत्ता को लेकर पूछताछ करना और समय-समय पर घरेलू टेस्ट करना फायदेमंद हो सकता है।
Disclaimer: यह जानकारी विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स और घरेलू उपायों पर आधारित है। किसी भी स्वास्थ्य संबंधी निर्णय से पहले डॉक्टर या विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।