हमारे शरीर में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों का सर्कुलेशन बहुत जरूरी होता है, और रक्त (Blood) इसकी सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। रक्त न केवल शरीर के सभी अंगों तक ऑक्सीजन पहुंचाता है, बल्कि यह शरीर के अन्य पोषक तत्वों को भी पहुंचाने का काम करता है। रक्त जीवन की निरंतरता की शक्ति के रूप में कार्य करता है। जब हम बीमार होते हैं तो डॉक्टर सबसे पहले ब्लड टेस्ट करने के लिए कहते हैं, क्योंकि रक्त की एक छोटी सी बूंद हमारे शरीर के स्वास्थ्य के बारे में बहुत कुछ बता सकती है।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हमारा ब्लड ग्रुप कैसे तय होता है? और इन ब्लड ग्रुप के नाम कैसे निर्धारित होते हैं? आइए, जानते हैं…
ब्लड ग्रुप के प्रकार
हमारे शरीर में कुल 8 प्रकार के ब्लड ग्रुप होते हैं:
A+
A-
B+
B-
AB+
AB-
O+
O-
यह जानना जरूरी है कि Rh पॉजिटिव (Rh+) ब्लड ग्रुप वाले व्यक्ति का खून कभी भी Rh निगेटिव (Rh-) ब्लड ग्रुप वाले व्यक्ति को नहीं चढ़ाया जा सकता। ऐसा करने से शरीर में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
ब्लड ग्रुप कैसे तय होता है?
जब हम बीमार होते हैं या किसी संक्रमण से पीड़ित होते हैं, तो डॉक्टर सबसे पहले ब्लड टेस्ट करवाने का सुझाव देते हैं। ब्लड टेस्ट में खून की एक या दो बूंदें ली जाती हैं और उसे जांचा जाता है, जिससे डॉक्टर हमारी बीमारी का पता लगा लेते हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि ब्लड ग्रुप का निर्धारण कैसे होता है? हमारे शरीर के रक्त में एंटीजन (Antigen) नामक प्रोटीन होते हैं जो रक्त के लाल कणों (Red Blood Cells) के ऊपर पाए जाते हैं। यह एंटीजन Rh पॉजिटिव या Rh निगेटिव हो सकते हैं। अगर किसी व्यक्ति का ब्लड ग्रुप A है, तो उसमें सिर्फ A एंटीजन होते हैं, B ब्लड ग्रुप में सिर्फ B एंटीजन होते हैं। AB ब्लड ग्रुप में दोनों A और B एंटीजन होते हैं, और O ब्लड ग्रुप में कोई एंटीजन नहीं होते। O ब्लड ग्रुप को यूनिवर्सल डोनर कहा जाता है, क्योंकि इसे किसी भी अन्य ग्रुप में आसानी से ट्रांसफ्यूज किया जा सकता है।
ब्लड ग्रुप का निर्धारण हमारे जीन (genetics) पर आधारित होता है, जो हमें हमारे माता-पिता से प्राप्त होते हैं। यही कारण है कि हमारी पारिवारिक हिस्ट्री का ब्लड ग्रुप से गहरा संबंध होता है।