Anna Jarvis ने ऐसे की थी Mother’s Day की शुरूआत; बाद में बंद करने की छेड़ी मुहिम

Happy Mother’s Day 2022: इसके बाद शुरुआत हुई उनके इस दिन से नफरत की। दरअसल, अन्ना ने मदर्ड डे पर अपनी मां के पसंदीदा कार्नेशन फूल बांटे थे, तो इस प्रतीक की कालाबाजारी होने लगी। महंगे दाम पर बेचे जाने लगे और एक अच्छे अभियान का बाजारीकरण हो गया।

0
166
Happy Mother’s Day 2022: Anna Jarvis
Happy Mother’s Day 2022: Anna Jarvis

Happy Mothers Day 2022: अब तक,आपने शायद मदर्स डे गूगल डूडल देखा होगा। व्हाट्सएप संदेश प्राप्त किए और भेजे होंगे, आपकी मां के लिए सर्वश्रेष्ठ उपहार विचार भी सूची पढ़ी होगी। इतना ही नहीं इंस्टाग्राम या फेसबुक पोस्ट भी डाले होंगे। संभावना है, मदर्स डे के साथ इन सभी इंटरैक्शन में आपने एक बार भी अन्ना जार्विस का नाम नहीं लिया होगा। बता दें कि जार्विस का इस दिन के साथ जटिल संबंध था। उन्होंने ही “मदर्स डे” को आधिकारिक रूप से मान्यता दिलाने के लिए अथक परिश्रम किया था। आइए हम एक नज़र डालते हैं कि अन्ना जार्विस कौन थी, उन्होंने “मदर्स डे” की शुरूआत कैसे की?

download 2022 05 08T125450.452
Happy Mother’s Day 2022: Anna Jarvis

Happy Mothers Day 2022: मदर्स डे शुरू कराने वाली अन्ना जार्विस कौन थी?

अन्ना जार्विस एक अमेरिकी कार्यकर्ता थीं, 1908 उन्होंने सभी माताओं को सम्मानित करने के लिए मदर्स डे की स्थापना की थी। जार्विस वेस्ट वर्जीनिया में पली-बढ़ी। जब वह पैदा हुई तो गृहयुद्ध की बंदूकें फलफूल रही थीं। दरअसल, उसके कई भाई-बहनों को खसरा, टाइफाइड और डिप्थीरिया जैसी गंभीर बीमारियां थी। बचपन में ही युवा अन्ना ने अपनी मां को यह कहते सुना कि मैं आशा और प्रार्थना करती हूं कि किसी को, कभी-कभी एक यादगार मातृ दिवस मिलेगा, जो उन्हें जीवन के हर क्षेत्र में मानवता के लिए प्रदान की जाने वाली अतुलनीय सेवा के लिए याद करता रहेगा।

1905 में जब अन्ना की मां की मौत हुई,तब अन्ना अपनी मां की इस प्रबल इच्छा को पूरा करने में जुट गईं। उन्होंने राजनेताओं, व्यापारियों और चर्च के नेताओं को पत्र लिखा और उनसे इस बारे में समर्थन मांगा। उन्होंने आग्रह किया कि हर साल मई के दूसरे रविवार को मांओं के लिए समर्पित दिन के तौर प्रस्तावित किया जाए।

download 2022 05 08T125514.985
Happy Mother’s Day 2022: Anna Jarvis

Happy Mothers Day 2022: मदर्स डे बंद करने का अभियान चलाने लगीं अन्ना जार्विस

इसके बाद शुरुआत हुई उनके इस दिन से नफरत की। दरअसल, अन्ना ने मदर्ड डे पर अपनी मां के पसंदीदा कार्नेशन फूल बांटे थे, तो इस प्रतीक की कालाबाजारी होने लगी। महंगे दाम पर बेचे जाने लगे और एक अच्छे अभियान का बाजारीकरण हो गया। इस दिन के नाम पर चॉकलेट, महंगे गिफ्ट और पार्टी की भी शुरुआत हो गई। कालाबाजारी से परेशान अन्ना ने इसका विरोध करना शुरू किया और मदर्ड डे बंद करने का अभियान चलाने लगीं।

वह अपने आखिरी दिन तक इसके लिए लड़ती रहीं। उनके रिश्तेदारों ने भी अन्ना का समर्थन किया और इस दिन को मनाना बंद कर दिया। भले ही सभी देश एक ही दिन मदर्स डे नहीं मनाते हैं, लेकिन मई के दूसरे रविवार को 50 से अधिक देशों में एक विशेष दिन के रूप में मनाया जाता है।

संबंधित खबरें…

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here