भारतीय व्यंजनों में दाल एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। दाल में प्रोटीन, आयरन, फाइबर और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो हमारी सेहत के लिए आवश्यक हैं। भारतीय किचन में दोपहर के खाने में दाल जरूरी बनाई जाती है। अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग तरीके से दाल बनाई जाती है लेकिन कई लोगों के साथ दिक्कत तब होती है जब वह दाल खाते हैं तो उन्हें ब्लोटिंग, पेट फूलने की समस्या होती है। ऐसे लोगों के बारे में यह कहा जाता है कि उन्हें दाल ठीक से नहीं पचती है। हाल ही में हुए एक शोध में यह बात सामने आई है कि दाल का झाग निकालकर दाल को पकाना चाहिए। झाग में प्यूरीन नामक एक कंपाउंड होता है जो शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा को बढ़ा सकता है। यूरिक एसिड बढ़ने से दिल के दौरे, किडनी की बीमारी, जोड़ों की दिक्कत जैसी खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं।
प्रेशर कूकर में दाल पकाने से बढता है यूरिक एसिड ?
भारत में दाल का झाग निकालने की प्रथा पहले बहुत आम थी । लेकिन अब लोग ज्यादातर प्रेशर कुकर में दाल पकाते हैं। प्रेशर कुकर में दाल पकाते समय झाग को निकालना मुश्किल होता है। इसलिए ज्यादातर लोग झाग को नहीं निकालते हैं। हमेशा दाल को झाग निकालकर पकाना चाहिए। इससे शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ने से रोका जा सकता है और हार्ट अटैक, किडनी की बीमारी, जोड़ों की दिक्कत जैसी खतरनाक बीमारियों के जोखिम को कम किया जा सकता है।
दाल पकाते समय झाग को कैसे निकालें
- दाल को धोकर प्रेशर कुकर में डालें।
- दाल में पानी डालें और दाल को मध्यम आंच पर पकाएं।
- जब दाल में झाग बनने लगे तो इसे चम्मच से निकाल दें।
- जब तक कि दाल में झाग बनना बंद न हो जाए तब तक झाग को निकालते रहें।
- इसके बाद प्रेशर कुकर का ढक्कन बंद कर और दाल को पका लीजिए।
- इस तरह से दाल का झाग निकालकर आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।
यूरिक एसिड को करें कंट्रोल
- शरीर में यूरिक एसिड बढ़ा हुआ है तो आप दिन की शुरुआत पानी से करें।
- खाते वक्त इस बात का जरूर ध्यान रखें कि आप कितना और क्या खा रहे हैं ताकि यूरिक एसिड कंट्रोल में रहे।
- कुछ दालों में प्यूरिन की मात्रा कम होती है। दाल खाते वक्त हरी दालों को चुनें यह सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है।