UP News: देश में कई ऐसे केस हैं जो काफी समय से चल रहे हैं लेकिन उनपर फैसला आज तक नहीं आया है। उनपर सुनवाई अभी चल ही रही है। ऐसा ही एक केस यूपी के महाराजगंज से समाने आया है। जहां चोरी का एक केस 33 साल से चल रहा था। 33 साल तक महाराजगंज जिले के सिविल कोर्ट में चल रहे इस मुकद्दमे में दोषियों के खिलाफ आखिरकार सुनवाई पूरी हो ही गई है। आपको जानकर हैरानी होगी कि 33 साल तक चले इस केस में आरोपियों को केवल 1 दिन की ही सजा सुनाई गई है। साथ ही कोर्ट ने 1500 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना अदा नहीं करने पर आरोपियों को 10 दिन अतिरिक्त सजा की बात कही है।
पुलिस कार्यालय की मीडिया सेल के अनुसार यह मामला साल 1989 का है। पुरन्दरपुर पुलिस ने तीन आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। आरोपियों पर आईपीसी की धारा 382 और 411 के तहत केस दर्ज किया था। ट्रायल के दौरान सुनवाई शुरू हुई और फिर अभियोजन की तरफ से अरोपियों के खिलाफ सजा की मांग की गई। कोर्ट ने दर्ज साक्ष्य और सबूतों के आधार पर उन्हें सजा का ऐलान किया है।

UP News: 50 साल तक चले केस में आरोपी को 5 साल की सजा
बता दें कि ऐसा ही एक मामला लखनऊ से भी सामने आया था। जिसमें 50 साल तक चले केस में आरोपी को 5 साल की सजा सुनाई गई। 21 अप्रैल 1972 को हसनगंज थाने में एक केस दर्ज करवाया था। जिसमें कुछ आरोपियों ने रंजिश के चलते एलएलबी प्रथम वर्ष के छात्र वादी जगदीश शरण त्रिपाठी पर चाकू से हमला कर दिया था। जानलेवा हमले के मामले में त्रिपाठी न्याय पाने का इंतजार 50 साल बाद खत्म हुआ। शुक्रवार को आरोपी को 5 साल की सजा सुनाई गई।
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