“हाईवे कोई पार्किंग की जगह नहीं है”- सुप्रीम कोर्ट ने शंभू बॉर्डर को आंशिक रूप से खोलने का दिया आदेश

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शंभू बॉर्डर खोलने के पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दाखिल हरियाणा सरकार की याचिका पर आज यानी सोमवार (12 अगस्त) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जिसमें, सुप्रीम कोर्ट ने शंभू बॉर्डर को आंशिक रूप से खोलने का आदेश दिया।

जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने कोर्ट में राज्य सरकारों की तरफ से सुझाए गए नामों पर संतुष्टि जताई। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकारों की तरफ से इस गंभीर प्रयास की हम सराहना भी करते हैं।

हरियाणा-पंजाब पुलिस पमुख किसानों के साथ करे बैठक – सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने DGP पंजाब और DGP हरियाणा साथ ही अम्बाला और पटियाला जिले के पुलिस प्रमुख को एक सप्ताह में किसानों के साथ बैठक करने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने शंभू बॉर्डर को आंशिक रूप से खोलने का आदेश देते हुए कहा, “एंबुलेंस, सीनियर सिटीजन्स, महिलाओं, छात्रों आदि के लिए हाइवे खोला जाए।” इसके लिए दोनों तरफ की सड़कों की एक- एक लेन खोलने का आदेश दिया गया है। इसके लिए पंजाब और हरियाणा के पुलिस अफसरों को एक हफ्ते में इस संबंध में मीटिंग कर मॉडलिटी तय करने को कहा है।

“हाईवे कोई पार्किंग की जगह नहीं है”- सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा, “हाईवे कोई पार्किंग की जगह नहीं है।” वहीं, पंजाब सरकार की ओर से कहा गया कि उन्होंने एक प्रतिष्ठित व्यक्ति का नाम तय किया गया है। जबकि, हरियाणा सरकार की ओर से कमिटी के लिए नाम सुप्रीम कोर्ट को सौंपा गया है। सुनवाई में कोर्ट ने कहा कि वे इस मामले को लम्बित रखेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “उन्हें (किसानों) भी नहीं लगना चाहिए कि उनको अलग-थलग और किनारे कर दिया गया है।” सुप्रीम कोर्ट में मामले पर अगली सुनवाई 22 अगस्त को होगी।