
Supreme Court: राजधानी दिल्ली में पटाखों पर लगाए गए संपूर्ण रोक को चुनौती देते हुए याचिका दायर की गई। याचिका पर तुरंत सुनवाई की मांग को सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को खारिज कर दिया। कोर्ट ने इस दौरान कहा कि ‘लोगों को साफ हवा में सांस लेने दें और अपने पैसे मिठाइयों पर खर्च करें।’ इससे पहले आज ही दिल्ली हाईकोर्ट ने भी दिल्ली पल्लूशन कंट्रोल कमिटी के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर यह कहते हुए सुनवाई से इनकार कर दिया कि मुद्दा अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
त्योहारों के मौसम को देखते हुए दिल्ली सरकार ने राजधानी में हर तरह के पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। इतना ही नहीं दिल्ली में पटाखे
फोड़ने पर जुर्माना भी देना होगा। अगर राजधानी में कोई भी शख्स पटाखे फोड़ता पाया गया तो उस पर 200 रुपये का जुर्माना लगेगा, वहीं उसे 6 महीने जेल में भी काटने पड़ सकते हैं।
Supreme Court: पटाखा विक्रेताओं ने की थी तुरंत सुनवाई की मांग
पटाखा विक्रेताओं ने सुप्रीम कोर्ट से पटाखों पर लगे प्रतिबंध के मुद्दे पर तुरंत सुनवाई की मांग की थी।पटाखा विक्रेता इस बैन से व्यापार को नुकसान की दलील दे रहे हैं। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण का हवाला देते हुए उनकी दलील को खारिज कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा है कि इस पर तुरंत सुनवाई की आवश्यकता नहीं है।
इससे पहले हाईकोर्ट में दो व्यापारियों ने अपनी याचिका में जोर देकर कहा था कि डीपीसीसी द्वारा 14 सितंबर को लगाया गया “आखिरी मिनट का प्रतिबंध” मनमाना और अवैध है और उनकी आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। व्यापारियों का कहना था कि उच्च न्यायालय ग्रीन पटाखों की बिक्री की अनुमति दें।
एक दिन पहले ही दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा था कि राजधानी में पटाखों का उत्पादन, भंडारण और बिक्री सजा योग्य अपराध है। उन्होंने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने पर 5000 हजार रुपए जुर्माना और 3 साल तक जेल की सजा हो सकती है।
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