Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई को लेकर एक बड़ी टिप्पणी दी है। कोर्ट ने बोर्ड को दुकान की तरह माना है। कोर्ट ने बोर्ड को कहा कि आप इसे दुकान की तरह चला रहे हैं।शीर्ष अदालत ने बुधवार को कहा कि बीसीसीआई की गतिविधियां व्यावसायिक हैं। इसलिए उन पर कर्मचारी राज्य बीमा यानी ईएसआई अधिनियम के प्रावधान लागू होते हैं। ये कहते हुए कोर्ट ने विशेष अनुमति की याचिकाएं खारिज कर दीं।शीर्ष अदालत ने कहा कि इसमें इस्तेमाल शब्दों के साथ कोई संकीर्ण अर्थ नहीं जोड़ा जाना चाहिए, क्योंकि यह कर्मचारियों के जीवन का बीमा करने का प्रयास करता है और नियोक्ता पर आरोप लगाता है।
Supreme Court: ईएसआई कोर्ट या हाईकोर्ट का बीसीसीआई को दुकान मानना सही
दरअसल सुप्रीम कोर्ट में पीठ सुनवाई कर रही थी कि क्या बीसीसीआई को 18 सितंबर 1978 को अधिसूचित ईएसआई कानून के तहत दुकान माना जाना चाहिए या नहीं? मामले में जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने कहा, ईएसआई कोर्ट या हाईकोर्ट ने बीसीसीआई को दुकान मानने में कोई गलती नहीं की है। बीसीसीआई की गतिविधियों को देखें तो टिकट बेचना, मनोरंजन कराना, कीमत पर सुविधाएं और सेवाएं देना, अंतरराष्ट्रीय टूरों से कमाई करना, आईपीएल से कमाई करना आदि।
ये सभी आय के स्रोत माने जाते हैं, इसलिए ईएसआई कोर्ट और हाईकोर्ट ने इसे दुकान कहने में कोई गलती नहीं की है। इस पर ईएसआई कानून के प्रावधान लागू होने चाहिए।
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