Supreme Court में Fortis के प्रोमोटर शिविंदर मोहन सिंह के खिलाफ गबन मामले की सुनवाई के दौरान CJI N. V. Ramana ने जांच एजेंसी EOW द्वारा की जा रही जांच में समय लगने पर पूछा, आप जांच कर रहे हैं ऐसे में 10 साल तक आरोपी को जेल में ही रहने दें? CJI एन. वी. रमना ने मामले की जांच को जल्द पूरी करने का निर्देश देते हुए कहा कि आपको जांच करते हुए 2 साल हो गए, जांच अनिश्चित काल तक नहीं चल सकती।
CJI ने EOW की तरफ से पेश हुए ASG KM Nataraj से कहा कि चार महीने के बजाय आप मामले की जांच दो महीने में पूरी कर लें। ऐसा नहीं होता है तो उसके बाद हम याचिकाकर्ता की जमानत अर्जी पर विचार करेंगे या तो हम हाईकोर्ट को इस मामले को तेजी से निपटाने को कहेंगे।
नवम्बर के अंत तक फाइनल रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश
कोर्ट की टिप्पणी के बाद ASG द्वारा मामले को निचली अदालत में भेजने का आग्रह किया जिसको खारिज करते हुए CJI ने एजेंसी को नवम्बर के अंत तक जांच पूरी कर फाइनल रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। सुप्रीम कोर्ट दिसंबर के पहले हफ्ते में मामले की अगली सुनवाई करेगा।
दरअसल EOW द्वारा मामले की जांच पूरा करने में 4 महीने और लगाने को लेकर शिविंदर मोहन सिंह (Shivinder Mohan Singh) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
शिविंदर मोहन सिंह फोर्टिस हेल्थकेयर के उपाध्यक्ष थे। वह वर्तमान में अपने भाई मालविंदर मोहन सिंह के साथ धोखाधड़ी के आरोप में जेल में हैं। दोनों के खिलाफ धोखाधड़ी के कई मामले दर्ज हैं।