सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चुनावी एजेंट शेख सूफियान की अग्रिम जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।सीबीआई (CBI) ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि सूफियान नंदीग्राम में ममता की हार के लिए हिंदुओं को सबक सिखाने चाहते थे। इसलिए उन्होंने TMC को छोड़कर दूसरी पार्टी को वोट देने वाले हिंदू समुदाय पर साजिश के तहत हिंसा को अंजाम दिया।जिसमें मैती की मौत हुई।
Supreme Court : पहले गिरफ्तारी से मिली थी राहत
Supreme Court : इससे पहले ही सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सूफियान को इस मामले में गिरफ्तारी से राहत दे दी थी। दरअसल देवव्रत मैती की हत्या के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट के द्वारा सूफियान की अग्रिम जमानत की याचिका को खारिज करने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
शेख सूफियान पर चुनाव के बाद हुई हिंसा मे नंदीग्राम के चिलोग्राम में (BJP) कार्यकर्ता देवव्रत मैती की हत्या का आरोप है। शेख सूफियान विधानसभा चुनाव के दौरान नंदीग्राम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चुनाव एजेंट थे। उन पर चुनाव के बाद हुई हिंसा में (BJP) कार्यकर्ता की हत्या का आरोप है ।
इस मामले की जांच ( CBI) कर रही है, क्योंकि कलकत्ता हाइकोर्ट ने चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामलों की जांच CBI से करने के आदेश दिए थे।
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