Supreme Court on Banbhulpura: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड स्थित हल्द्वानी के बनभूलपुरा में रेलवे की 29 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा हटाने के मामले की सोमवार को सुनवाई की। नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं को शीर्ष अदालत ने सुना।
सुप्रीम कोर्ट ने वर्तमान में नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा रखी है।जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली बेंच ने फरवरी में नैनीताल हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की थी। कोर्ट ने अवैध अतिक्रमण हटाए जाने पर रोक लगाते हुए कहा था कि लगभग 50 हजार की आबादी वाला क्षेत्र है। इस मामले को मानवीय आधार पर देखते हुए हल करने की जरूरत है।
दरअसल रेलवे ने अपनी जमीन पर अवैध कब्जे को हटाने के लिए नैनीताल हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अवैध कब्जा हटाने का निर्देश दिया। हाईकोर्ट के आदेश के बाद रेलवे ने अवैध अतिक्रमण करने वालों को जगह खाली करने के लिए 1 हफ्ते का समय दिया था।
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Supreme Court on Banbhulpura: जमीन पर 4,365 परिवारों का अतिक्रमण
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Supreme Court on Banbhulpura: गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 2 मई को कहा था कि उत्तराखंड हाईकोर्ट के पिछले साल 20 दिसंबर के निर्देश पर रोक संबंधी उसका अंतरिम आदेश शीर्ष अदालत में याचिकाओं के लंबित रहने तक जारी रहेगा।
जबकि रेलवे के अनुसार, जमीन पर 4,365 परिवारों ने अतिक्रमण कर रखा है। जिनमें अधिकतर मुस्लिम हैं।जमीन पर कब्जा रखने वाले परिवार हल्द्वानी में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे और दावा कर रहे थे कि वे जमीन के असली मालिक हैं।
निवासियों ने अपनी याचिका में कहा है कि हाईकोर्ट ने इस तथ्य से अवगत होने के बावजूद कि याचिकाकर्ताओं सहित निवासियों के स्वामित्व के संबंध में कार्यवाही जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष लंबित है, आदेश पारित करके गंभीर गलती की है।
बनभूलपुरा में 29 एकड़ भूमि में फैले क्षेत्र में धार्मिक स्थल, स्कूल, व्यापारिक प्रतिष्ठान और आवास बने हुए हैं। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया है कि उनके पास वैध दस्तावेज हैं जो उनके स्वामित्व और वैध व्यवसाय को स्थापित करते हैं।
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