Supreme Court: जजों की नियुक्ति मामले में केंद्र और सुप्रीम कोर्ट के बीच टकराव थमने का नाम नहीं ले रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश यानी सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम में सरकार के प्रतिनिधियों को शामिल करने का सुझाव दिया गया है। मालूम हो कि कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट और न्यायपालिका के अधिकारों को लेकर उपराष्ट्रपति ने भी इसमें अतिक्रमण करने का आरोप लगाया था।

Supreme Court: पारदर्शिता के लिए कॉलेजियम में सरकार के प्रतिनिधि-पत्र
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, जजों की नियुक्ति मामले पर केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने CJI को पत्र लिखा है। इसके अनुसार, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम में सरकार के प्रतिनिधियों को शामिल करने का सुझाव दिया गया है। पत्र में यह भी कहा गया है कि कॉलेजियम में सरकार के प्रतिनिधियों को शामिल करने जजों की नियुक्ति में पारदर्शिता आएगी। इसके साथ ही सार्वजनिक जवाबदेही के लिए इस प्रक्रिया को जरूरी बताया गया है।
सुत्रों के अनुसार, पत्र में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम में केंद्र सरकार तथा हाई कोर्ट कॉलोजियम में संबंधित राज्य सरकार के प्रतिनिधियो को शामिल करने का सुझाव भी दिया गया है।
क्या कहा था उपराष्ट्रपति ने?
केंद्र और सुप्रीम कोर्ट में टकराव अभी जारी है। हाल ही में उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ ने सुप्रीम कोर्ट और न्यायपालिका के अधिकार क्षेत्रों पर बयान दिया था। उन्होंने यह भी कहा था कि न्यायिक मंचों से खुद को श्रेष्ठ घोषित करना और सार्वजनिक दिखावा अच्छा नहीं है। उन्होंने कहा था कि इन संस्थानों को पता होना चाहिए कि खुद किस तरह का व्यवहार करना है। उपराष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा साल 2015 में एनजेएससी को निरस्त कर दिए जाने की भी आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि केशवानंद भारती का इसका फैसला सही नहीं था।
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