Meharuli में Qutub Minar परिसर में स्थित कुव्वत उल-इस्लाम मस्जिद (Quwwat Ul Islam Masjid) के अंदर हिंदू और जैन देवताओं के मंदिर के रूप में बहाली की मांग की गई थी। यह याचिका हिंदू देवता भगवान विष्णु, जैन देवता तीर्थंकर भगवान ऋषभ देव और भगवान विष्णु समेत अन्य की ओर से दाखिल की गई थी। 27 हिंदू और जैन मंदिरों की बहाली की मांग करते हुए यह याचिका दाखिल की गई थी। साथ ही याचिका में यह भी कहा गया था कि कुतुबुद्दीन-ऐबक के आदेश पर इन मदिरों और पूजास्थलों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। वहाँ पर आज भी खंडित मूर्तियों के साक्ष्य मौजूद हैं।
कोर्ट ने खारिज की याचिका
Saket Court ने मस्जिद के अंदर हिंदू और जैन देवताओं के मंदिर बनाने की याचिका को खारिज कर दिया है। याचिका खारीज करते हुए जज नेहा शर्मा ने कहा कि इससे इंकार नहीं किया जा सकता कि पहले गलतियां हुई हैं लेकिन इस आधार पर वर्तमान और भविष्य की शांति को भंग नहीं किया जा सकता।
कोर्ट ने यह भी कहा कि जब एक बार किसी भी स्मारक को संरक्षित स्मारक घोषित कर दिया जाता है तो उस पर सरकार का अधिकार हो जाता है। ऐसे में उस जगह को पूजा स्थल या धार्मिक कार्यों के उपयोग किए जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
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