संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत विरोध के बीच सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। लेकिन करणी सेना और राजपूत संगठनों का प्रदर्शन जारी है। इधर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार (25 जनवरी) पद्मावत विवाद को लेकर 2 याचिकाएं डाली गई हैं…इसमें 4 राज्यों और करणी सेना के नेताओं के खिलाफ के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई करने की मांग की गई है। कोर्ट इन याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई करेगा।
फिल्म पद्मावत को लेकर कानूनी लडा़ई का मामला भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। सुप्रीम कोर्ट में फिल्म के विरोध में हो रही हिंसा के खिलाफ याचिकाएं दायर की गई हैं। याचिकाओं में पद्मावत को लेकर हो रही हिंसा पर अदालत की अवमानना का मामला चलाने की मांग की गई है। पहली याचिका कांग्रेसी नेता तहसीन पूनावाला की ओर से दाखिल की गई है। इस में चार राज्यों में पद्मावत को लेकर हिंसा का हवाला दिया गया है। याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश और गुजरात में लगातार हिंसा की घटनाएं हो रही हैं। यह राज्य पूरी तरह इन घटनाओं को रोकने में नाकाम रहे हैं जबकि सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा था कि कानून व्यवस्था राज्यों की जिम्मेदारी है। याचिका में मांग की गई है कि इन राज्यों के चीफ सेकेट्री, होम सेकेट्री और डीजीपी को कोर्ट में तलब किया जाए।
दूसरी याचिका विनीत ढांडा की ओर से लगाई गई है। इसमें कहा गया है कि फिल्म को सुप्रीम कोर्ट ने रिलीज करने को हरी झंडी देने के बावजूद हिंसा हो रही है। विनीत ने राजपूत करणी सेना के तीन नेताओं, सूरजपाल, कर्ण सिंह और लोकेंद्र सिंह कलवी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवमानना का मामला चलाने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट सोमवार को इन दोनों याचिकाओं पर सुनवाई करेगा इधर दिल्ली हाईकोर्ट में भी फ़िल्म पद्मावत को मिले CBFC सर्टिफिकेट को रद्द करने के लिए याचिका लगाई गई लेकिन हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई से इनकार सर दिया और याचिकाकर्ता को सुप्रीम कोर्ट में अपील करने को कहा आज पूरे देशभर में फिल्म पद्मावत रिलीज हो गई है लेकिन कई राज्यों में इस फिल्म को लेकर हिंसा हो रही है।