NHRC: राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस का आयोजन 10 दिसंबर 22 को किया जा रहा है।इस वर्ष कार्यक्रम की शोभा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बढ़ाएंगे। 12 अक्टूबर 22 को ही राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने अपना 29वां स्थापना दिवस मनाया है।राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग एक स्वतंत्र वैधानिक संस्था है। जिसकी स्थापना का मकसद संविधान द्वारा प्रदत्त मानवाधिकारों का संरक्षण करना है।
हाल ही राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने कहा कि आयोग को अतिरिक्त शक्तियों की आवश्यकता नहीं है।इंडिया लीगल के साथ एक विशेष साक्षात्कार के दौरान न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने कहा कि आयोग की 95 प्रतिशत सिफारिशों का सरकार समर्थन करती है। उन्होंने कहा कि एनएचआरसी के पास जांच शुरू करने की शक्तियां हैं।आयोग एक स्वतंत्र जांच दल है जिसने अब तक कई महत्वपूर्ण मामलों को सुलझाया है।न्यायमूर्ति मिश्रा का बयान कई संबंधित पक्षों द्वारा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को अधिक अधिकार देने की मांग के मद्देनजर महत्व रखता है।

NHRC: आयोग को ‘टूथफुल’ टाइगर बनने पर दिया था जोर
NHRC: साल 2020 में एनएचआरसी के तत्कालीन अध्यक्ष न्यायमूर्ति एचएल दत्तू ने आयोग को ‘टूथफुल’ टाइगर बनाने पर जोर दिया था। उन्होंने कहा कि आयोग को और मजबूत बनाने की सख्त जरूरत है।आयोग की ओर से दिए गए निर्णय केवल अनुशंसात्मक मात्र होते हैं।ऐसे में सरकारें उन्हें लागू करने के लिए बाध्य नहीं हैं। किसी भी संशय की स्थिति में वे एनएचआरसी की सिफारिशों को उच्च न्यायालयों में चुनौती भी दे सकती हैं।इन्हीं कुछ सीमाओं को ध्यान में रखते हुए और मानवाधिकारों को मजबूत करने के लिए अधिक शक्तिशाली एनएचआरसी की मांग हमेशा से करती रही है।हालांकि सरकार ने एनएचआरसी के पूर्व अध्यक्ष की मांगों पर भी कभी ध्यान नहीं दिया।
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