मुख्तार अंसारी की मौत हुए 3 महीने से अधिक बीत चुके हैं, लेकिन एक बार फिर मुख्तार का नाम सुर्खियों में आ गया है। दरअसल, आज यानी सोमवार (15 जुलाई) को सुप्रीम कोर्ट में मुख्तार अंसारी के परिवार द्वारा दायर याचिका की सुनवाई हुई, जिसमें मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने मुख्तार की पुलिस हिरासत में हुई मौत पर सवाल उठाए।
याचिककर्ता के वकील ने सुनवाई के दौरान कहा कि मुख्तार की मौत जेल में जहर दिए जाने की वजह से हुई। उन्होंने, आगे कहा कि साल 2023 में मुख्तार अंसारी के परिवार द्वारा सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था, तब अंदेशा था कि मुख्तार की जान खतरे में है। इसलिए एक याचिका दायर की गई थी। लेकिन मुख्तार की अब मौत हो चुकी है। ऐसे में, ये याचिका अब निष्प्रभावी है। कपिल सिब्बल ने पुरानी याचिका में कुछ बदलाव करके नई याचिका दाखिल करने की इच्छा शीर्ष अदालत के समक्ष रखी।
सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को जारी किया नोटिस
आज हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने याचिका में संशोधन की उमर अंसारी की मांग पर सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है। अब यूपी सरकार दिए गए समय के अनुसार जब भी नोटिस का जवाब देगी तब शीर्ष अदालत तय करेगी कि संशोधित अर्जी को सुनवाई हेतु स्वीकार किया जाना चाहिए या फिर नहीं।
बता दें कि उमर अंसारी ने अपने पिता मुख्तार अंसारी की जान पर खतरा होने के अंदेशे से साल 2023 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। मुख्तार अंसारी का परिवार, खासकर उसका भाई अफजाल अंसारी और उमर अंसारी ये आरोप लगाते रहे हैं कि मुख्तार को जेल में धीमा जहर दिया जा रहा था। हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में जहर के होने की पुष्टि नहीं हुई थी। जिसके बाद जेल में जहर दिए जाने के आरोपों के चलते मुख्तार के विसरा जांच के लिए सैम्पल लखनऊ भेजे गए, लेकिन उसमें भी जहर की पुष्टि नहीं हुई थी।