Medical Insurence Claim: वर्ल्ड कन्ज्यूमर राइट्स डे के मौके पर उपभोक्ता फोरम की ओर बड़ा फैसला लिया गया है।एक मेडिकल इंश्योरेंस कंपनी को मरीज को भुगतान करने का आदेश दिया है।
फोरम ने ये भी स्पष्ट कर दिया है कि मेडिकल इंश्योरेंस का क्लेम करने के लिए जरूरी नहीं कि किसी व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती ही किया गया हो।उसे 24 घंटे के लिए ही भर्ती किया जाए।उपभोक्ता फोरम की ओर से मेडिकल इंश्योरेंस कंपनी को मरीज को भुगतान करने का आदेश दिया है।
Medical Insurence Claim: 2017 में शिकायत दर्ज करवाई
Medical Insurence Claim:जानकारी के अनुसार गुजरात के वडोदरा में रमेशचंद्र जोशी ने 2017 में उपभोक्ता फोरम में नेशनल इंश्योरेंस कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। जोशी का दावा था कि उनकी पत्नी का वर्ष 2016 में डर्मेटोमायोसाइटिस हुआ था। उन्हें अहमदाबाद के लाइफकेयर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च सेंटर में भर्ती कराया गया था।अगले दिन इलाज के बाद उनकी पत्नी को डिस्चार्ज कर दिया गया।
Medical Insurence Claim:
Medical Insurence Claim: पत्नी के डिस्चार्ज के बाद जोशी ने कंपनी से 44,468 रुपए के बिल के भुगतान की मांगा की।इंश्योरेंस कंपनी ने जोशी के दावे को खारिज कर दिया।इंश्योरेंस कंपनी ने क्लॉज 3.15 का हवाला देते हुए जोशी के आवेदन को खारिज किया था। इस बाबत बीमा कंपनी का तर्क था कि मरीज को लगातार 24 घंटे तक भर्ती नहीं किया गया था।
जोशी ने मेडिकल इंश्योरेंस कंपनी के खिलाफ उपभोक्ता फोरम का रुख किया था। उन्होंने फोरम के सामने सभी दस्तावेज भी पेश किए।दावा किया कि उनकी पत्नी को 24 नवंबर शाम 5.38 पर भर्ती किया गया था।
25 नवंबर 2016 को शाम 6.30 बजे उनकी छुट्टी हुई थी।इस मामले पर इंश्योरेंस कंपनी ने कहा कि आधुनिक युग में बेहतर दवाएं विकसित हुई हैं, यही वजह है कि डॉक्टर उसी के अनुसार इलाज करते हैं।
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