मणिपुर के मैती समुदाय को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। कोर्ट ने हाईकोर्ट द्वारा मैती समदुाय को दी गयी राहत को बरकरार रखा है। दरअसल मणिपुर हिंसा मामले पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि पेट्रोलिंग हो रही है। ट्रांसपोटेशन को लेकर भी कदम उठाए गए है। 46 हज़ार से ज्यादा लोगो को मदद की गई है। SG ने कहा कि पीड़ितों को मुआवजा दिया जा रहा है। सुरक्षा के पर्याप्त बंदोबस्त किए गए हैं।
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा हाई कोर्ट में क्या हुआ? जिस पर SG ने कोर्ट को बताया कि कोर्ट का आदेश लागू करने के लिए एक साल का समय मांगा था। हाई कोर्ट के आदेश को लागू करने के लिए समय दिया है। कोर्ट ने कहा हम हाई कोर्ट एक आदेश पर रोक लगाने की सोच रहे हैं। कोर्ट ने पूछा क्या किसी ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका दाखिल की है? मणिपुर में हुई हिंसा के मामले में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करते हुए बताया वहां पर हालात में सुधार हुआ है। वहां पर हालात पहले से बहुत बेहतर हैं। कुल 315 राहत शिविर खोले गए। जिन्हें जिला पुलिस, सीएपीएफ द्वारा चलाया जा रहा है। राज्य सरकार ने राहत उपायों के लिए 3 करोड़ रुपये की आकस्मिक निधि को मंजूरी दी है।
SG ने बताया कि अब तक करीब 46 हजार लोगों की मदद की जा चुकी है और जिसमें लगभग 3 हजार लोगों की मदद के लिए फ्लाइट का इस्तेमाल किया गया। सुनवाई के दौरान CJI ने पूछा कि हाई कोर्ट के सिंगल जज के फैसले को लेकर डबल बेंच के समक्ष याचिका दाखिल हुई है, ऐसे में याचिकाकर्ता वहाँ क्यों नही जा रहे हैं? ट्राइबल यूनियन और अन्य ने सिंगल जज के फैसले के खिलाफ डबल बेंच में अपील की है। मामले पर 15 मई को हाई कोर्ट की डबल बेंच ने नोटिस जारी किया है। 6 जून को हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है। मणिपुर सरकार ने एक साल का समय मांगा था सिंगल बेंच से जो उन्हें मिल गया था।
कोर्ट ने यह भी कहा कि मणिपुर सरकार की तरफ से हलफनामा दाखिल किया गया है। उस स्टेट्स रिपोर्ट के मुताबिक स्थिति सामान्य हो रही है। सुरक्षा, ट्रांसपोर्टेशन की व्यस्था की गई है। मामले में FIR दर्ज की गई। हथियारों की बरामदी की गई है। CJI ने कहा कि याचिका अभी डबल बेंच में लंबित है ऐसे में याचिकाकर्ता हाई कोर्ट के समक्ष अपनी बातों को रखे। भविष्य में अगर याचिकाकर्ता को राहत नही मिलती तो वो सुप्रीम कोर्ट आ सकते हैं।
हालांकि कोर्ट ने यह भी कहा कि याचिककर्ताओ की ओर से संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा की मांग की है। ऐसे में उन इलाकों में कानून और शांति व्यस्था के लिए जरूरी कदम हो वह राज्य सरकार कदम उठाए। साथ ही मणिपुर सरकार को गर्मियों की छुट्टियों के बाद मामले पर स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने को भी कहा है। वहीं एक याचिकाकर्ता की ओर से वकील रंजीत कुमार ने कहा कि अवैध अप्रवासी म्यांमार से आ रहे हैं और वे मणिपुर में बसना चाहते हैं। इस तरह उग्रवादी शिविर वहां बढ़ रहे हैं। मैंने इसपर एक याचिका दायर की है। कॉलिन गोंजाल्विस ने कहा कि मणिपुर के लोग इससे पीड़ित हैं।
CJI ने कहा कि मणिपुर सरकार इन पहलुओं पर और राहत कार्य पर नई स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे। मामले पर अगली सुनवाई जुलाई में होगी। सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर के सिंगल बेंच के आदेश पर रोक लगाने से इनकार किया। साथ ही कोर्ट ने अहम टिप्पणी की कि हम राजनीति और पॉलिसी के एरिया में नही जाएंगे। यह संवैधानिक कोर्ट है। हम केवल राहत देने के लिए हैं। इसके अलावा कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाई कोर्ट की डबल बेंच के समक्ष अपनी बात रखने को भी कहा है।