साल 2008 के मालेगांव ब्लास्ट मामले में आरोपी साध्वी प्रज्ञा और लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित को बुधवार (27 दिसंबर) को कुछ राहत मिली। प्रज्ञा और पुरोहित के अलावा रमेश उपाध्याय, अजय रहिकर, सुधाकर और समीर पर से MCOCA के आरोप हटा दिए गए हैं। मुंबई की विशेष NIA अदालत ने यह आरोप हटाए हैं।
इन सभी पर से MCOCA और अनलॉफुल एक्टीपिटीज (प्रिवेंशन) एक्ट (UAPA) की धारा 17, 20 और 13 हटा दी गई है। लेकिन इन पर अब भी अनलॉफुल एक्टीपिटीज (प्रिवेंशन) एक्ट (UAPA) की धारा 18 और भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 120 बी, 302, 307, 304, 326, 427 153 ए के तहत मामला चलता रहेगा। वहीं कोर्ट ने शिव नारायण कालसांगरा और श्याम साहू को सभी आरोपों से बरी कर दिया।
इस मामले में अभी सभी आरोपियों को ज़मानत मिली हुई है और NIA की स्पेशल कोर्ट ने उनकी जमानत अवधि बढ़ा दी है। इस मामले में अगली सुनवाई अब 15 जनवरी को होगी।
इससे पहले इसी साल अप्रैल में बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस केस में साध्वी प्रज्ञा को ज़मानत दे दी थी लेकिन कर्नल पुरोहित की ज़मानत याचिक रद्द कर दी थी। इसके बाद कर्नल श्रीकांत पुरोहित सुप्रीम कोर्ट गए और वहां से अगस्त में अंतरिम जमानत मिल गई ।पुरोहित नौ साल तक जेल में रहे थे।
बता दें कि 29 सितंबर, 2008 को मालेगांव में अंजुमन चौक पर हुए बम धमाके में 7 लोगों की मौत हुई थी और 80 से ज़्यादा जख्मी हुए थे। धमाका एक मोटरसाइकिल में विस्फोटक को लगाकर गया था। इस मामले में आज़ाद नगर पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में हत्या, हत्या की कोशिश, आपराधिक साजिश के अलावा UAPA भी लगाया गया। क्योंकि मामला गंभीर था इसलिए जांच ATS को सौंप दी गई। ATS की जांच में अभिनव भारत संस्था का नाम सामने आया। ATS को मोटरसाइकिल की चैसीस नम्बर से सुराग मिला क्योंकि धमाके वाली मोटरसाइकिल साध्वी के नाम से रजिस्टर्ड थी। उसके बाद स्वामी असीमानंद, कर्नल पुरोहित और साध्वी प्रज्ञा सिंह सहित कुल 11 को गिरफ्तार किया गया।