बोतल बंद पानी यानी मिनरल वाटर की बोतल को उस पर छपे रेट (MRP) से ज़्यादा बेचने पर रेस्टोरेंट, मल्टीप्लेक्स, होटल आदि के प्रबंधन पर जुर्माना लगाया जा सकता है और उसे जेल भी भेजा जा सकता है। यह बात सुप्रीम कोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से कही गई है।
फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FHRAI) की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी जिस की सुनवाई के दौरान सरकार ने यह बात कही। याचिका पर जवाब देते हुए उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा है कि उपभोक्ता से बोतल पर छपी कीमत से ज्यादा कीमत वसूलना उसके अधिकारों का हनन है। सरकार ने यह भी कहा कि ऐसा करना टैक्स चोरी को बढ़ावा देता है और सरकार को सर्विस टैक्स और एक्साइज ड्यूटी में नुकसान होता है। यह कानून अपराध है।
क्या है कानूनी प्रावधान ?
लीगल मेट्रोलॉजी अधिनियम की धारा 36 में अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) को लेकर प्रावधान है। अधिनियम की धारा 36 कहती है कि अगर कोई भी व्यक्ति किसी प्री-पैक्ड वस्तु को उस वस्तु के पैकेट पर लिखी कीमत से ज़्यादा कीमत में बेचता है तो उसे दंड दिया जा सकता है। पहली बार ऐसा करने पर उस पर 25,000 रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है। उसके दोबारा ऐसा करने पर जुर्माने की राशि 50,000 तक जा सकती है और अगर कोई बार बार इस तरह का अपराध करता है तो जेल की सज़ा के साथ-साथ उस पर 1 लाख तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है।
दरअसल, 2015 में भी सरकार ने कहा था कि मिनरल वाटर को तय कीमत से ज्यादा पर बेचने वाले होटल और रेस्टोरेंट पर मामला चल सकता है। उस वक्त हाईकोर्ट की एक बेंच ने सरकार के फैसले को सही ठहराया था। जिसके बाद फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FHRAI) ने रिव्यू पिटिशन दायर की थी जिसे हाईकोर्ट ने डिसमिस कर दिया था। इसके बाद FHRAI सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई और इसी याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई।