चारा घोटाले से जुड़े तीसरे केस में लालू प्रसाद यादव को CBI की स्पेशल कोर्ट ने बुधवार (24 जनवरी) को पांच साल की सजा सुनाई है। लालू पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। सीबीआई की स्पेशल कोर्ट के जज एसएस प्रसाद ने चाईबासा कोषागार से अवैध तरीके से निकाले गए 33.67 करोड़ रुपए के मामले में फैसला सुनाया।

CBI की स्पेशल कोर्ट ने बिहार के एक और पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र को भी दोषी करार दिया जबकि, देवघर ट्रेजरी केस में उन्हें बरी कर दिया गया था। जगन्नाथ मिश्र को भी पांच साल की सजा सुनाई गई है। CBI के विशेष अदालत ने लालू प्रसाद यादव सहित कुल 50 लोगों को दोषी माना है जबकि 6 आरोपियों को बरी कर दिया गया।

चारा घोटाला मामले में आरजेडी प्रमुख लालू यादव के खिलाफ कुल छह मामले चल रहे हैं। अब तक तीन मामलों में उन्हें दोषी करार दिया जा चुका है। जिन मामलों में लालू को सजा हो चुकी है उनमें दो मामले चाईबासा कोषागार से जुड़े हैं जबकि एक मामला देवघर ट्रेजरी का है। चाईबासा ट्रेजरी से अवैध तरीके से 33.67 करोड़ निकाले जाने के मामले में दोषी दिए जाने से पहले। लालू को चाईबासा ट्रेजरी से ही 37.7 करोड़ रुपए निकालने के मामले में 3 अक्टूबर 2013 को पांच साल की सजा हो चुकी है।

इसी तरह एक मामला देवघर कोषागार से जुड़ा है जिसमें पिछले साल 29 दिसंबर को CBI की विशेष अदालत ने लालू को दोषी करार दिया था और 6 जनवरी को सजा सुनाते हुए लालू को साढ़े 3 साल की सजा सुनाई थी।

अभी तीन मामलों में फैसला आना बाकी है इनमें एक मामला दुमका ट्रेजरी से जुड़ा हैं। इसमें 3.13 करोड़ रुपए की अवैध निकासी हुई थी। इस मामले की सुनवाई भी CBI के स्पेशल जज शिवपाल सिंह की कोर्ट में चल रही है। इसी तरह भागलपुर ट्रेजरी केस में भी लालू पर मामला चल रहा है। इस मामले में कोषागार से 47 लाख रुपए की अवैध निकासी हुई थी। इस केस का ट्रायल पटना CBI कोर्ट में चल रहा है। तीसरा मामला डोरंडा ट्रेजरी से जुड़ा है आरोप है कि इस घोटाले में 139 करोड़ रुपए की अवैध निकासी हुई थी।

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