Exclusive Interview: केंद्र सरकार ने वरिष्ठ वकील आर वेंकटरमणि को 3 साल के लिए भारत का 15वां अटॉर्नी जनरल नियुक्त किया है। वेंकटरमणि के वेणुगोपाल की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल 30 सितंबर को समाप्त होगा। केंद्र सरकार ने वेणुगोपाल की जगह लेने के लिए इस महीने की शुरुआत में रोहतगी को AGI के पद की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया था। 4 दशक से अधिक समय का कानूनी अनुभव रखने वाले आर वेंकटरमणि ने एपीएन न्यूज़ के साथ खास बातचीत की है।
यहां पढ़ें Exclusive Interview के प्रमुख अंश:
प्रश्न: क्या आपने अपने करियर की शुरुआत ऑटोमोबाइल वर्कर के तौर पर किया था?
उत्तर: नहीं, इसके पीछे एक छोटी सी कहानी है। मेरे बड़े भाई ऑटोमोबाइल फील्ड में काम करते थे। उन्होंने एक दिन बताया कि अगर कोई काम नहीं कर रहे हो तो कम से कम मेरी मदद करो। इसलिए मैं ये काम सीखने लगा। लेकिन मेरी मां की इच्छा कुछ और थी। उन्होंने कहा कि मुझे मैकेनिक नहीं बनना चाहिए। बाद में मैं कानून की पढ़ाई करने लगा।
प्रश्न: पीपी राव का आपके जीवन में अहम रोल रहा है, आप उन्हें कैसे याद करते हैं?
उत्तर: पीपी राव एक अच्छे टीचर थे। राव साहब के साथ हमारा परिवार जैसे ही संबंध रहा है। उनके चेंबर छोड़ने के बाद भी किसी केस के बारे में चर्चा करनी होती थी तो वो मुझे फोन करके पूछ लेते थे। हार्डवर्क के जीवंत उदाहरण थे राव साहब।
प्रश्न: आप माधव मेनन सर को शिक्षक के रूप में कैसे याद करते हैं?
उत्तर: मेरे लिए कम शब्दों में उनकी विशाल छवि के बारे में बात करना मुश्किल है। हमारे बीच परिवार की तरह बिल्कुल नजदीकियां थीं। उन्होंने जीवन के हर मोड़ पर हमारा साथ दिया।
प्रश्न: कोई ऐसा केस जो आपको बार-बार याद आता हो?
उत्तर: हां, एक आदिवासी महिला का केस है, जिसका बालात्कार किया गया था। पुलिस स्टेशन में उसके साथ मारपीट की घटना घटी थी, जिसके बाद उसने सुप्रीम कोर्ट में पेटिशन फाइल किया। इस मामले में कई पुलिसवालों को जेल भेजा गया था।
प्रश्न: सोशल मीडिया कई बार केस को इंफ्लुएंस करता है, इसे कैसे रोका जाए?
उत्तर: सोशल मीडिया सबके लिए फ्री है। यहां कोई भी कुछ भी लिख सकता है, लेकिन इसकी जिम्मेदारियों पर सवाल उठता है।
आर वेंकटरमणि का परिचय:
आर वेंकटरमणि के करियर की बात करें तो उन्होंने आम्रपाली मामले में अदालत के रिसीवर के रूप में कार्य किया है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में हिजाब मामले में भी पेश हुए थे। आर वेंकटरमणि को 4 दशकों से अधिक का कानूनी अभ्यास का अनुभव है। उन्होंने पूर्व में भारत के विधि आयोग के सदस्य के रूप में कार्य किया था।
वेंकटरमणि 1979 में दिवंगत संवैधानिक विशेषज्ञ पीपी राव के चेंबर में शामिल हुए। बाद में उन्हें 1997 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था। उन्होंने 2004 से 2010 तक सुप्रीम कोर्ट में, हाईकोर्ट में विभिन्न केंद्र सरकार के विभागों के लिए विशेष वरिष्ठ वकील के रूप में कार्य किया।
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