Allahabad High Court ने निर्वाचन आयोग व यूपी सरकार से पूछा है कि विधानसभा चुनाव के पीठासीन अधिकारियों (Election Officers) का क्या आनलाइन प्रशिक्षण (Online Training) किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा है कि ऐसे लोग जिनका इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर है उनके प्रशिक्षण से वापस आने पर परिवार को संक्रमण का खतरा है तो क्या उनको आनलाइन प्रशिक्षण नहीं दिया जा सकता।

एक संस्थान ने याचिका दायर कर 24 व 25 जनवरी 2022 को होने वाले प्रशिक्षण में अस्वस्थ लोगों के प्रशिक्षण में जाने से खतरे की आशंका व्यक्त करते हुए हस्तक्षेप करने की मांग की है। इस याचिका की सुनवाई रविवार 23 जनवरी को की गई। बता दें कि मामले की सुनवाई सोमवार 24 जनवरी को भी होगी।
दयालबाग शिक्षण संस्थान ने Allahabad High Court में याचिका दायर की
मामले में दयालबाग शिक्षण संस्थान की याचिका पर न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा तथा न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव की खंडपीठ ने सुनवाई की है। मामले में याचिकाकर्ता का कहना है कि 324 लोगों में से 194 लोगों को 24 व 25 जनवरी को प्रशिक्षण के लिए बुलाया गया है। वहीं 194 लोगों में से कुछ लोग ऐसी बीमारी से ग्रस्त हैं जिससे उनके कोरोना संक्रमित होने की अधिक संभावना है। यदि ये संक्रमण लेकर घर वापस गये तो परिवार के हित में नहीं होगा।

कोर्ट ने चुनाव आयोग के वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश पाण्डेय व मुख्य स्थायी अधिवक्ता जे एन मौर्य से जानकारी प्राप्त करने को कहा है कि क्या ऐसे लोगों को आनलाइन प्रशिक्षण दिया जा सकता है। बता दें कि चुनाव आयोग की गाइडलाइंस के खंड 40 में लिखा है कि चुनाव अधिकारियों को आनलाइन प्रशिक्षण दिया जा सकता है।
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