नोएडा के बहुचर्चित आरुषि – हेमराज हत्याकांड मामले में अब एक और नया मोड़ आ सकता है। हेमराज की पत्नी खुमकला बंजाडे ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। खुमकला ने कहा है कि हाईकोर्ट ने इसे हत्या तो माना है लेकिन किसी को दोषी करार नहीं दिया। याचिका में मांग की गई है कि जांच एजेंसी इस हत्याकांड के हत्यारों का पता लगाए।
याचिका में सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का भी ज़िक्र किया गया है जिसमें कोर्ट ने यह कहा है कि अगर घर के अंदर कोई हत्या होती है तो घर में मौजूद व्यक्ति की यह ज़िम्मेदारी है कि वह पूरे घटनाक्रम की जानकारी दें। लेकिन आरुषि- हेमराज हत्याकांड में राजेश तलवार और नुपुर तलवार यह नहीं बता पाए कि हत्या कैसे हुई। याचिका में निचली अदालत के फैसला जिसमें तलवार दंपती को दोषी करार दिया गया था को सही बताय गया है और उसे बहाल करने की मांग की गई है।
बता दें कि 12 अक्टूबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरुषि के माता-पिता राजेश तलवार और नुपुर तलवार को को अपनी बेटी आरुषि की हत्या के मामले में बरी कर दिया है। हाईकोर्ट ने तलवार दंपती बरी करने के अपने फैसले में कहा कि दोनों को संदेह का लाभ मिलना चाहिए क्योंकि निचली अदालत ने फैसला ठोस सबूतों पर नहीं बल्कि परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर दिया था।
मई, 2008 में हुए इस हत्याकांड में 25 नवंबर 2013 को गाज़ियाबाद की विशेष सीबीआई अदालत ने आरुषि के माता-पिता राजेश तलवार और नुपुर तलवार को उम्रकैद की सज़ा सुनाई थी, जिसके खिलाफ जनवरी 2014 में दोनों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील की थी और 12 अक्टूबर 2017 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दोनों को बरी कर दिया। लेकिन जिस सवाल का जवाब नहीं मिला वह यह है कि आखिर आरुषि और हेमराज की हत्या किसने की?