परिषदीय विद्यालयों में अंतर्जनपदीय तबादला आदेश में संशोधन की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की गयी।
जस्टिस अजीत कुमार की एकल पीठ दिव्या गोस्वामी केस की अर्जी पर महानिदेशक बेसिक शिक्षा व सचिव बेसिक शिक्षा को किया तलब।
कोर्ट ने पूछा कोराना काल में ग्रामीण बच्चों को पढ़ाने को लेकर सरकार की क्या नीति है ?, डिजिटल संसाधन विहीन बच्चों की शिक्षा इस सत्र में कैसे होगी?
कोर्ट ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों में डिजिटल संसाधनों की उपलब्धता में भारी अंतर पर जताई गहरी चिंता है।कोर्ट ने कहा था कि सत्र के बीच में शिक्षकों के अंतर्जनपदीय तबादले न किए जाएं ताकि शिक्षण कार्य प्रभावित न हो।
सरकार का मानना है कि कोरोना काल मे स्कूल बंद है इससे शिक्षण कार्य प्रभावित नहीं होगा,
कोर्ट ने कहा कि सरकार ने तबादलों के लिए कई दलीलें दी हैं , लेकिन आज तक यह नहीं बताया कि उत्तर प्रदेश में स्कूल कब से खुलने जा रहे हैं।
कोर्ट का मानना है की सरकार कुछ अध्यापकों को इस काम में लगा कर लोगों का भरोसा जीतने का प्रयास कर सकती है क्योंकि अध्यापक सुविधा संपन्न और वंचित बच्चों के बीच की खाई को भरने का काम कर सकते हैं। अध्यापक गांवों में जाकर बच्चों को छोटे-छोटे समूह में पढ़ा सकते हैं।
तीन दिसंबर को होगी मामले की अगली सुनवाई।