Delhi Riots: शरजील इमाम को झटका, जमानत अर्जी खारिज, कोर्ट ने साजिश को पूर्वनियोजित बताया

Delhi Riots: दिल्‍ली दंगों के आरोपी शरजील इमाम को कड़कड़डूमा कोर्ट से बड़ा झटका लगा है।

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Delhi Riots
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Delhi Riots: दिल्‍ली दंगों के आरोपी शरजील इमाम को कड़कड़डूमा कोर्ट से बड़ा झटका लगा है।एडिशनल सेशन जज अमिताभ रावत ने कहा कि दिल्ली दंगों को जिस तरह से अंजाम दिया गया। उससे साफ जाहिर होता है कि इसके पीछे एक सोची समझी साजिश थी। कोर्ट ने साजिश को पूर्वनियोजित बताते हुए कहा कि शरजील इमाम पर लगे आरोप प्रथम दृष्टया सही हैं।
कोर्ट ने कहा कि दंगों में जिन हथियारों का इस्तेमाल किया गया और जो हमले का जो तरीका था। उससे यह साफ है कि दंगे सोची समझी साजिश के तहत अंजाम दिए गए थे।

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Karkardooma Court

Delhi Riots: कोर्ट- देश की अखंडता को नुकसान पहुंचाना आतंकवाद की श्रेणी में आता है

कोर्ट ने कहा कि वह काम जिससे देश की एकता, अखंडता को नुकसान पहुंचाया जाए, साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की जाए। वह आंतकवाद की श्रेणी में ही आता है।कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि दिल्ली में 23 जगहों पर चक्का जाम किए जाने की योजना पहले से ही बना ली गई थी।

कोर्ट ने कहा टकराव और दंगे जैसा माहौल बने, इसलिए उन जगहों पर आवागमन को बाधित किया गया। जहां दोनों समुदाय के लोग रह रहे थे। इतना ही नहीं उस दौरान प्रदर्शन में महिलाओं को आगे रखकर पुलिस पर हमला किया गया।

Delhi Riots: कोर्ट में शरजील के वकील की दलील दंगों की साजिश का आरोप गलत

शरजील इमाम की तरफ से वकील तनवीर अहमद मीर ने कोर्ट में दलील पेश करते हुए कहा कि दिल्ली में दंगे 24 और 25 फरवरी को हुए लेकिन उसके पूर्व ही शरजील को गिरफ्तार किया जा चुका था।लिहाजा उस पर दंगों की साजिश का आरोप नहीं लगाया जा सकता।वैसे भी पुलिस के पास ऐसा कोई पुख्ता सबूत नहीं है जिसके जरिए दंगों की साजिश में उसकी भूमिका साबित की जा सके।

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Karkardooma Court

Delhi Riots: याचिका खारिज

दिल्ली दंगों के मामले में UAPA के तहत आरोप झेल रहे जेएनयू के छात्र शरजील इमाम की जमानत अर्जी कड़कड़डूमा कोर्ट ने खारिज कर दी है।
जेएनयू के पूर्व छात्र पर नागरिकता (संशोधन) अधिनियम और नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर पर विशेष रूप से दिसंबर 2019 में जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में सरकार के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का आरोप है। जिसके कारण विश्वविद्यालय के बाहर के क्षेत्र में हिंसा हुई।

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