कोंकणी के जाने माने लेखक दामोदर मावजो ज्ञानपीठ और साहित्य अकादमी जैसे साहित्यिक पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं। मावजो का एक कहानी संग्रह है ‘स्वप्न प्रेमी’। इस कहानी संग्रह में कुल 9 कहानियां है। सभी कहानियां एक दूसरे से बिल्कुल अलग हैं। जिन्हें पढ़कर पाठक को मावजो के लेखन की संपन्नता का पता चलता है।
इस कहानी संग्रह की पहली कहानी है ‘हैप्पी बर्थ डे’। ये कहानी एक माता-पिता और उनके एक स्पेशल चाइल्ड की कहानी है। कहानी में माता-पिता अपने बच्चे का जन्मदिन मनाने के लिए सबको बुलाते हैं। माता-पिता बच्चे के बचपन के सुख को पाने से वंचित हैं। यहां लेखक ने पैरंटहुड को विषय बनाया है। यहां माता-पिता दुनिया को बताना चाहते हैं कि उनकी भी संतान है। संतान से संबंध और बचपन की अहमियत को यह कहानी बताती है।
गोवा में जन्मे मावजो की कई कहानियां गोवा के गांवों पर आधारित हैं। मावजो के लेखन को पढ़ पाठक गोवा के ईसाई बहुल गांवों में पहुंच जाता है और वहां के जीवन से परिचित होता है। गांव की पृष्ठभूमि पर आधारित कहानियां हैं, ‘इंसानों के देश में’ और ‘कौए का श्राप’।
मावजो के लेखन में खाड़ी देश में रह रहे भारतीयों का जीवन भी एक विषय रहा है। इस कहानी संग्रह की एक कहानी है ‘कभी कभी बच्चों से सीख लेनी चाहिए’। इस कहानी में एक परिवार है जो सऊदी अरब में रहता है। परिवार में मां-बाप और बच्चा हैं। पत्नी अपने पति से प्यार अभिव्यक्त करने की चाहत रखती है। लेकिन देश के नियम सार्वजनिक रूप से प्रेम प्रदर्शन के विरोधी हैं। इन्हीं नियमों से परेशान यह परिवार देश छोड़ना चाहता है। देश से निकलने के साथ ही प्रेम प्रदर्शन की यह चाहत भी पूरी होती है।
यहां लेखक बताते हैं जो समाज प्रेम प्रदर्शित करने को अनुचित समझता है वह रहने योग्य नहीं है। कहानी पढ़कर पता चलता है कि मावजो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और बहुसंस्कृति के पक्षधर हैं। यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि परिवार भी दामोदर मावजो के लेखन का अहम अंग रहा है। उनकी एक कहानी ‘कसम‘ में एक पात्र कसम खाता है कि वह फिर शराब नहीं पिएगा और उसके घर की महिलाएं भी झगड़ा न करने की कसम खाती हैं।
चूंकि लेखक साहित्य अकादमी में काम कर चुके हैं। इससे पता चलता है कि उन्होंने अपने असल जीवन से प्रेरित एक कहानी लिखी है , जिसका नाम है ‘कहानीकार की कहानी’। यहां साहित्यिक समाज, लेखकों और उनकी पृष्ठभूमि के बारे में मावजो बताते हैं। लेखक लेखन की मौलिकता का सवाल भी इस कहानी में उठाते हैं।
इस कहानी संग्रह की एक कहानी ‘दुनियादारी’ तो वर्ग भेद की कहानी है। अमीर-गरीब के जीवन में कितना अंतर है। कैसे एक गरीब ईसाई घर की लड़की अपनी स्थिति सुरक्षित करने के लिए अपने प्रेमी से हत्या करवा देती है। इस कहानी में समाज की क्रूरता दिखाई गई है कि कैसे धोखेबाजी दुनियादारी का हिस्सा हो गई है।
कहानी संग्रह की आखिरी कहानी ‘स्वप्न प्रेमी’ एक ऐसी कहानी है जिसमें नायक एक लड़की से शादी का सपना देखता है। आखिर में लड़की की शादी कहीं और हो जाती है और नायक का सपना टूट जाता है।
किताब के बारे में
लेखक- दामोदर मावजो
अनुवाद- रमिता गुरव
प्रकाशन- राजकमल प्रकाशन
पेज संख्या- 160
मूल्य- 199 रुपये (पेपरबैक)