जूम एप्प एक फ्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कराने वाला मोबाईल एप्प है। इसके जरिए मोबाईल यूजर एक बार में अधिकतम 50 लोगों के साथ बात कर सकते हैं। इसका यूजर इंटरफेस आसान है जिस वजह से हर आदमी इसे यूज कर लेता है। एक बार में इस में वन-टू-वन मीटिंग और 40 मिनट की ग्रुप कॉलिंग की सुविधा भी मिलती है। यह आईओएस और गूगल प्ले स्टोर दोनों प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है।
पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के महासंकट की वजह से देश में लॉकडाउन जारी है. ऐसे में एक दूसरे से जुड़ने के लिए लोग वीडियो कॉल का इस्तेमाल कर रहे हैं. भारत में ही नहीं विदेशों में भी इसके सेक्युरिटी फीचर को लेकर शंकाएं व्यक्त की गई हैं। इसे लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से एडवाइज़री जारी की गई है, जिसमें कहा गया है कि ये ऐप सुरक्षित नहीं है, ऐसे में लोग इसका सावधानी से इस्तेमाल करें.
गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया कि सरकार ने पहले भी 6 फरवरी, 30 मार्च को इसको लेकर जानकारी दी थी, ऐसे में लोग इसपर सतर्कता बरतें.
सरकार ने कहा है कि लोग अगर इसका इस्तेमाल कर भी रहे हैं, तो कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखें. लगातार पासवर्ड बदलते रहें, कॉन्फ्रेंस कॉल में किसी को अनुमति देते हुए सतर्कता बरतें.
कोरोनावायरस के चलते दुनियाभर में लॉकडाउन, वर्क फ्रॉम होम और सोशल डिस्टेंसिंग चल रहा है। ज्यादातर कंपनियां वर्क फ्रॉम होम सिस्टम से काम कर रही है। ऐसे में मीटिंग या कम्यूनिकेशन बनाए रखने के लिए सबसे कारगर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एप साबित हुए हैं। इसी बीच वीडियो कांफ्रेंसिग के लिए जूम ऐप को सबसे ज्यादा पसंद किया जा रहा है। लेकिन अब जूम ऐप पर यूजर्स के पर्सनल डेटा को फेसबुक और अन्य कंपनियों से अवैध तरीके से साझा करने के आरोप लग रहे हैं। बीते सोमवार को कैलिफोर्निया की अदालत में जूम के खिलाफ मुकदमा दायर किया गया। अदालत में सुनवाई के दौरान जूम कंपनी यह बताने में विफल रही कि बिना यूजर्स की इजाजत के डेटा फेसबुक और अन्य कंपनियों को क्यों भेजा गया।
वेबसाइट टेकक्रंच की एक रिपोर्ट में इंटरसेप्ट का हवाला देकर बताया गया है कि इसके वीडियो कॉल एंड-टु-एंड एनक्रिप्टेड नहीं है। यानी बीच में ही प्राइवेसी लीक हो सकती है। मदरबोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक जूम क्लाइंट के ई-मेल एड्रेस लीक कर रहा है। प्राइवेसी लीकिंग के डर से एपल को अपने लाखों मैक कंप्यूटर्स को सुरक्षित करने के लिए इंतजाम करना पड़ा था।इलेक्ट्रॉनिक फ्रंटियर फाउंडेशन ने हाल ही में चेतावनी दी है कि यह ऐप एडमिनिस्ट्रेटर्स को लोगों की गतिविधियों को ट्रैक करने की अनुमति देता है। जूम पर यह भी आरोप लगा कि यह चुपचाप एक यूजर की जूम आदतों के बारे में फेसबुक को डेटा भेज रहा था, इसके बावजूद कि यूजर के पास फेसबुक अकाउंट तक नहीं था। मदरबोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक यह आईओएस एंड्रॉयड खोलने पर फेसबुक को नोटिफाई करता है। इस तरह फेसबुक तक डेटा लीक हो जाता है। इस आरोप के बाद जूम के फाउंडर ने ये कहा है कि उस फीचर को कंपनी रिव्यू कर रही है जो यूजर का डेटा फेसबुक के साथ शेयर कर रहा है। हालांकि अब कंपनी ने फेसबुक के साथ डेटा शेयर वाले इस फीचर को हटा दिया है।
एप डेटा पर काम करने वाली कंपनी एप एन्नी ने एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के मुताबिक 14 मार्च से 21 मार्च के बीच दुनिया भर में सिर्फ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एप 6.20 करोड़ बार डाउनलोड हुए हैं। साल 2019 में साप्ताहिक औसत बिजनेस एप डाउनलोडिंग से यह 90 फीसदी ज्यादा है। यह आईओएस और गूगल प्ले स्टोर पर किसी भी एप कैटेगरी में अप तक की सबसे तेज ग्रोथ है। डाउनलोडिंग में मुख्य रुप से गूगल का हैंगआउट मीट, माइक्रोसॉफ्ट टीम्स और जूम क्लाउड मीटिंग्स हैं। रिपोर्ट के मुताबिक फरवरी और मार्च में सबसे ज्यादा जूम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एप डाउनलोड हुआ है। भारत में यह बहुत तेजी से ग्रोथ करते हुए गूगल प्ले स्टोर से 10 करोड़ बार डाउनलोड हो चुका है। 14 से 21 मार्च के रिकॉर्ड सप्ताह में यह अमेरिका में इस तिमाही में औसत साप्ताहिक डाउनलोडिंग से 14 गुना ज्यादा डाउनलोड हुआ। ब्रिटेन में साप्ताहिक औसत से 20 गुना, फ्रांस में 22 गुना, जर्मनी में 17 गुना, स्पेन में 27 गुना और इटली में 55 गुना ज्यादा डाउनलोड हुआ।