समाजावादी पार्टी के राज में हुए को-ऑपरेटिव बैंक भर्ती स्कैम में तत्कालीन एमडी समेत छह लोगों के खिलाफ एसआईटी ने एफआईआर दर्ज करवाई है।

खबर के अनुसार 2012 से 2017 के बीच हुए को-ऑपरेटिव बैंक में भर्तियों को लेकर हुए स्कैम की जांच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद एसआईटी ने की थी। एसआईटी ने अलग-अलग पदों पर हुई 88 भर्तियों में घपले की जांच की थी।

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अखिलेश यादव

जांच में तत्कालीन एमडी हीरालाल यादव, रविकांत सिंह, यूपी सहकारी संस्थागत सेवामण्डल के अध्यक्ष रामजतन यादव, सचिव राकेश मिश्रा, सदस्य संतोष कुमार श्रीवास्तव, एक्सिस डिजिनेट कंप्यूटर एजेंसी के संचालक राम प्रवेश यादव, यूपी सहकारी संस्थागत सेवामण्डल के अधिकारी, कर्मचारी और को-ऑपरेटिव बैंक की प्रबंध समिति व बैंक के अन्य अधिकारियों पर धोखाधड़ी और आपराधिक साज़िश की धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई गई है।

जांच में भांडाफोड़

जांच में खुलासा हुआ कि, हीरालाल यादव, रविकांत सिंह, रामजतन यादव, संतोष कुमार श्रीवास्तव, राकेश कुमार मिश्रा ने मिलीभगत से सहायक प्रबंधक सामान्य के 50, सहायक प्रबंधक कम्प्यूटर के 3, प्रबंधक के 5, सहायक और कैशियर के 30 पदों की शैक्षणिक योग्यता में नियमों के खिलाफ परिवर्तन किया।

एसआईटी जांच में यह भी बात सामने आई कि तत्कालीन अध्यक्ष रामजतन यादव ने भर्ती के लिए पहले से तय कंप्यूटर एजेंसी की जगह रामप्रवेश यादव की एक्सिस डिजिनेट टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड को बिना विधिक प्रक्रिया अपनाए नियुक्त कर दिया। इसके बाद राजनैतिक लोगों और अपने करीबियों की ओएमआर शीट में हेराफेरी की।

दोषी अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज

गौरतलब है कि योगी सरकार द्वारा गठित एसआईटी ने बीते दिनों अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंपी थी और दोषी अधिकारियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किए जाने की सिफारिश की थी। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को पूर्व की समाजवादी पार्टी की सरकार के इस घोटाले में दोषी अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दे दिया था।

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