उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महिला कल्याण विभाग से सर्वे कर तीन तलाक मुद्दे पर मुस्लिम महिलाओं के विचार जानने के लिए कहा है। इस सर्वे को  सुप्रीम कोर्ट में पेश किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक, आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि पर्सनल लॉ को बदला नहीं जा सकता, जिसके बाद सीएम योगी ने सर्वे कराने का फैसला लिया है। माना जा रहा है कि यूपी सरकार इस पूरी कवायद को जल्द से जल्द पूरी करना चाहती है।

इस सर्वे कुछ ही हफ्तों में पूरा कर लिया जाएगा। सर्वे की रिपोर्ट को जल्द ही पूरा करने की योजना है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट तीन तलाक के मामले की सुनवाई मई में करने वाली है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विधानसभा चुनाव में अपने घोषणा पत्र में तीन तलाक मुद्दा उठाने का वादा किया था। यूपी में मिले भारी बहुमत के बाद भाजपा ने दावा किया कि मुस्लिम महिलाओं ने भी वोट दिया है क्योंकि वो तीन तलाक के खिलाफ हैं।

सीएम योगी ने महिला मंत्रियों से अपील किया है कि वे महिला संगठनों से इस बारें में बातचीत करें। योगी कैबिनेट में पांच महिला मंत्री हैं। महिला कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि महिला मंत्री विभाग के अधिकारियों और एनजीओ से मिलकर तीन तलाक और तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं से सही सूचना इकट्ठा करने का सबसे तेज तरीका ढूंढेंगी। हालांकि जोशी ने ये साफ किया कि ये कवायद सरकारी नहीं होगी। महिलाओं से संपर्क करने के लिए एनजीओ की मदद ली जाएगी।

सीएम योगी ने सभी विभागों के प्रजेंटेशन भी देखे। माना जा रहा है कि सीएम योगी ने अधिकारियों से कहा कि इस प्रजेंटेशन में से कितने काम हुए हैं उन्होंने यह भी कहा कि इसका निरक्षण उनकी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर वह खुद करेंगे। सीएम बनने के बाद योगी सरकार ने चुनावी घोषणा पत्र में किए एंटी-रोमियो स्क्वाड, किसानों की कर्ज माफी इत्यादि बड़े वादे पूरे किए हैं। सीएम योगी ने अपने चुनावी वादे के अनुरूप 2018 तक 24 घंटे बिजली देने की बात भी कही है।

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