Yogi Adityanath: साल 2008 के मालेगांव धमाके के मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है। स्पेशल एनआईए कोर्ट में एक गवाह ने कहा है कि उसे एटीएस और बाद में मामले की जांच करने वाली एजेंसी ने प्रताड़ित किया था। गवाह ने यह भी बताया कि एटीएस ने उसे इस मामले में योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के चार अन्य लोगों का झूठा नाम लेने के लिए मजबूर किया गया था।
‘‘Yogi Adityanath का नाम लेने के लिए धमकाया गया था ”

गौरतलब है कि एटीएस ने जब मालेगांव बम धमाके के मामले की जांच की थी तब मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह इसके एडिशनल कमिश्नर के पद पर तैनात थे। परमबीर सिंह इस समय भ्रष्टाचार और वसूली के कई मामलों का सामना कर रहे हैं। मामले की जांच एनआईए के अपने हाथों में लेने से पहले इस गवाह का बयान जांच करते समय एटीएस ने दर्ज किया था।

मामले में गवाह ने बताया कि एटीएस के परमबीर सिंह और अन्य अधिकारियों ने उसे उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ और इंद्रेश कुमार समेत आरएसएस के चार नेताओं का नाम लेने के लिए धमकाया था। गवाह ने दावा किया कि एटीएस ने मुझे प्रताड़ित किया और गैर-कानूनी तरीके से एटीएस ऑफिस में बैठाया था। मामले में अब तक 220 गवाहों से पूछताछ हो चुकी है और उनमें से 15 अपने बयान से मुकर चुके हैं।
Malegaon Blast मामला क्या है?
विदित हो कि 29 सितंबर, 2008 को मुंबई से लगभग 200 किलोमीटर दूर उत्तरी महाराष्ट्र के मालेगांव शहर में एक मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल से बंधे एक विस्फोटक के फट जाने की वजह से छह लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा घटना में 100 से अधिक लोग घायल भी हो गए थे। मामले के अन्य आरोपियों में भोपाल से बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर भी शामिल हैं।