योगा को लेकर सुनहरा भविष्य देखने वालों के लिए सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। खेल मंत्रालय ने गुरुवार को योगासन को प्रतिस्पर्धी खेल के रूप में औपचारिक तौर पर मान्यता दे दी जिससे इसे सरकारी सहायता मिल सकेगी।
खेल मंत्री किरेन रीजीजू और आयुष (आयुर्वेद, योग , नैचुरोपैथी, यूनानी, सिद्ध, होम्योपैथी) मंत्री श्रीपाद येस्सो नाईक ने यहां एक कार्यक्रम के दौरान योगासन को प्रतिस्पर्धी खेल के रूप में मान्यता दी है।
बता दें कि, भारतीय राष्ट्रीय योगासन खेल महासंघ का भी गठन किया गया जिसे पिछले महीने खेल मंत्रालय ने राष्ट्रीय खेल महासंघ के तौर पर मान्यता दी। रीजीजू ने कहा कि खेल मंत्रालय इस राष्ट्रीय महासंघ को वित्तीय सहायता देगा ताकि आने वाले साल के लिए यह योजना बना सके।
रीजीजू ने कहा ,” योगासन लंबे समय से प्रतिस्पर्धी खेल है। लेकिन इसे भारत सरकार से मान्यता मिलने की जरूरत थी ताकि यह आधिकारिक और मान्य प्रतिस्पर्धी खेल बन सके।
उन्होंने कहा, ”आज बड़ा दिन है और हम इसे प्रतिस्पर्धी खेल के तौर पर औपचारिक रूप से लांच कर रहे हैं।” पिछले साल योग गुरू बाबा रामदेव की अध्यक्षता में अंतरराष्ट्रीय योगासन खेल महासंघ का भी गठन किया गया थाा। डॉक्टर एच आर नागेंद्र इसके महासचिव हैं।
खेलमंत्री ने कहा कि योगासन को खेलो इंडिया कार्यक्रम का भी हिस्सा बनाया जायेगा। उन्होंने कहा,”इसकी लोकप्रियता भारत में बढेगी और इसे खेलो इंडिया स्कूल तथा यूनिवर्सिटी कार्यक्रम में शामिल किया जायेगा।” प्रतिस्पर्धाओं के लिए चार खेलों और सात वर्गों में 51 पदक प्रस्तावित हैं। इनमें योगासन, कलात्मक योग (एकल व युगल), लयबद्ध योग (एकल, समूह), व्यक्तिगत हरफनमौला चैम्पियनशिप और टीम चैम्पियनशिप शामिल है। अगले साल फरवरी में राष्ट्रीय व्यक्तिगत योगासन खेल चैम्पियनशिप का भी प्रस्ताव है।