Yati Narsinghanand: गाजियाबाद के डासना मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद गिरी ने सार्वजनिक जीवन को छोड़ने की घोषणा कर दी है। हरिद्वार में हुई धर्म संसद और मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ विवादित टिप्पणी करने के मामले में स्वामी यति को देशभर में विरोध का सामना करना पड़ा था। हाल ही में हरिद्वार धर्म संसद के आयोजक और हेट स्पीच मामले में जेल में गए यति नरसिंहानंद रिहा हुए है। जिसके बाद उन्होंने एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि वे अपनी पुरानी गलतियों के लिए माफी मांगते हैं। वह आज से सार्वजनिक जीवन छोड़ रहे हैं। अब वह अपना नया जीवन शुरू करेंगे।
Yati Narsinghanand ने कहा- सम्मान व स्वाभिमान की इस लड़ाई में असफल हो गया
यति नरसिंहानंद ने कहा कि, उन्होंने अपना पूरा जीवन इस्लामिक जिहाद से लड़ने में लगाया। लेकिन अब वह अपना बचा हुआ जीवन मां और महादेव के महायज्ञ और योगेश्वर श्रीकृष्ण की श्रीमद्भगवद् गीता को समर्पित करेंगे। उन्होंने कहा कि वह सम्मान व स्वाभिमान की इस लड़ाई में असफल रहने के लिए जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी से माफी मांगते हैं। क्योंकि जितेंद्र को मेरी वजह से 4 महीने जेल में रहना पड़ा, जबकि उनका कोई दोष नहीं था। इसके लिए मैं खुद को जिम्मेदार मानता हूं। उन्होंने कहा कि अब वह नवयुवकों को श्रीमद्भगवद् गीता पढ़ाने और धार्मिक कार्यों में अपने जीवन व्यतीत करेंगे।

क्या है मामला?
बता दें कि, हरिद्वार के खड़खड़ी स्थित वेद निकेतन में 17 से 19 नवंबर तक धर्मसंसद हुई थी। इसमें एक समुदाय विशेष के खिलाफ अमर्यादित भाषणबाजी हुई थी। जिसके बाद शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी उर्फ वसीम रिजवी और यति नरसिंहानंद को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। चार महीने बाद वह जमानत पर रिहा हुए हैं। उन्होंने जमानत मिलने के बाद सार्वजनिक जीवन छोड़ने का ऐलान कर दिया।
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