Yasin Malik: जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले यासीन मलिक को टेरर फंडिंग के मामले में पटियाला कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। NIA ने कोर्ट से यासीन को सजा-ए-मौत देने की मांग की थी । मलिक जम्मू- कश्मीर लिबरेशन फ्रंट संगठन का चीफ है। यासीन ने आजादी दिलाने के नाम पर राज्य में गैर कानूनी गतिविधियों को खूब बढ़ावा दिया। अपने आतंकी मंसूबों को अंजाम देने के लिए यासीन ने दुनिया में नेटवर्किंग का जाल बिछाया था।

NIA द्वारा यासीन के खिलाफ 2017 में उस पर संगीन धाराओं में केस दर्ज किया गया था। मलिक पर यूएपीए की धारा 16 (आतंकवादी गतिविधि), 17 (आतंकवादी गतिवधि के लिए धन जुटाने), 18 (आतंकवादी कृत्य की साजिश रचने), और 20 (आतंकवादी समूह या संगठन का सदस्य होने) और भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) व 124-ए (देशद्रोह) के तहत केस दर्ज है। बता दें कि यासीन मलिक ने इन सभी धाराओं के खिलाफ कोर्ट में चुनौती देने वाली याचिका दायर करने से इंकार कर दिया है।
Yasin Malik: यासीन ने कहा मैं कोर्ट के फैसले को मानूंगा
कोर्ट रूम में मौजूद वकील फरहान ने बताया कि यासीन मलिक ने कोर्ट में कहा कि वो सजा पर कुछ नहीं बोलेगा। कोर्ट दिल खोल कर उसको सजा दे सकता है। मलिक ने कहा, मेरी तरफ से सजा के लिए कोई बात नहीं होगी। वहीं, NIA ने यासीन मलिक को फांसी देने की मांग की। यासीन मलिक ने कोर्ट में कहा कि मुझे जब भी कहा गया मैंने समर्पण किया, बाकी कोर्ट को जो ठीक लगे वो उसके लिए तैयार है।
Yasin Malik: NIA कोर्ट में बता रहा यासीन के गुनाहों की सच्चाई
NIA ने मलिक के गुनाहों का संज्ञान लेते हुए उसके खिलाफ 30 मई 2017 को केस दर्ज किया था। इस मामले में एक दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ 18 जनवरी 2018 को चार्जशीट फाइल की गई थी।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कोर्ट में कहा था, लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन, जेकेएलएफ, जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों ने पाकिस्तान की आईएसआई के समर्थन से नागरिकों और सुरक्षाबलों पर हमला करवाकर घाटी में बड़ी हिंसा को अंजाम दिया था।
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