अब महिलाएं खुद अपने हक के विरोध में लड़ाई लड़ रही हैं। अब तक सुना होगा कि महिलाएं अपने हक के लिए लड़ाई लड़ती हैं। लेकिन अब बात उल्टी है। दरअसल, केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने वाले फैसले के खिलाफ अयप्पा मंदिर एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की है। खास बात ये है कि अय्यप्पा भक्तों ने रविवार को कर्नाटक के बेंगलुरु में जुलूस निकालकर फैसले का विरोध किया है जिसमें भारी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं। बता दें कि नेशनल अयप्पा डिवोटी एसोसिएशन की अध्यक्ष शैलजा विजयन ने याचिका दायर की है और इस याचिका में कहा गया है कि जो महिलाएं आयु पर प्रतिबंध लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट आई थीं वह अयप्पा भक्त नहीं हैं। ये फैसला लाखों अयप्पा भक्तों के मौलिक अधिकारों को प्रभावित करता है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि लिंग या उम्र के आधार पर किसी को भी मंदिर में प्रवेश करने से रोका नहीं जा सकता। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि उनकी सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करेगी। उन्होंने बीजेपी और आरएसएस पर आरोप लगाया कि वे स्थिति का फायदा उठा रहे हैं। विजयन ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को एक सकारात्मक कदम करार दिया है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में महिलाएं दुनिया के हर कोने में, हर कार्यक्षेत्र में अपनी छाप छोड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार महिलाओं को समानता का अधिकार देने के पक्ष में है।
गौरतलब है कि पंडालम रॉयल फैमिली और तंजनम इल्लम ही इस मंदिर में पूजा करने और अन्य व्यवस्थाओं का काम देखते हैं। बेंगलुरु के अलावा तमिलनाडु के चेन्नै में अय्यपा भक्तों ने कोडम्बक्कम हाई रोड से महालिंगपुरम श्री अय्यप्पा मंदिर तक सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ प्रदर्शन किया।