पूरी दुनिया कोरोना महामारी के बाद बढ़ती महंगाई से परेशान है। लेकिन Sri Lanka से एक चौंका देने वाली खबर आई है। सोमवार को पड़ोसी देश में रसोई गैस की खुदरा कीमतों में एक साथ 90 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई, जिससे वहां पर हाहाकार मचा हुआ है।
जहां पिछले शुक्रवार को 12.5 किलोग्राम रसोई गैस सिलेंडर की कीमत (Gas Cylinder Price) 1,400 रुपये थी, वहीं अब 1,257 रुपये की छलांग के साथ 2,657 रुपये में गैस उपलब्ध है। सिर्फ गैस ही नहीं श्रीलंका में गेहूं का आटा, चीनी, सीमेंट और यहां तक कि दूध की कीमतों में वृद्धि दर्ज की गई। एक किलो दूध अब 250 रुपये महंगा होकर 1,195 रुपये का हो गया है।
क्यों बढ़ रही है कीमत
हाल में ही श्रीलंका सरकार के द्वारा आवश्यक वस्तुओं के लिए मूल्य नियंत्रण समाप्त करने की घोषणा करने के बाद इन सभी उत्पादों की कीमत में वृद्धि देखी जा रही है।
उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (Consumer Protection Authority) के प्रवक्ता ने बताया कि “कैबिनेट ने दूध पाउडर, गेहूं का आटा, चीनी और तरल पेट्रोलियम गैस के लिए मूल्य नियंत्रण हटाने का फैसला किया, यह उम्मीद करते हुए कि इससे आपूर्ति बढ़ेगी। कीमतें 37 प्रतिशत तक बढ़ सकती हैं, लेकिन हमें उम्मीद है कि डीलर बेवजह मुनाफा नहीं कमाएंगे।”
श्रीलंकाई सरकार ने गुरुवार रात राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक के बाद मिल्क पाउडर, गैस, गेहूं का आटा और सीमेंट के मूल्य नियंत्रण को रोकने का फैसला किया था।
कीमत बढ़ने के बाद लोगों में आक्रोश
देश में दूध, गेहूं का आटा, चीनी और गैस के दाम में इतनी बढ़ोत्तरी के बाद जनता सरकार से बहुत ज्यादा से गुस्सा है। कीमतों में रिकॉर्ड वृद्धि के कारण लोग सार्वजनिक रूप से प्रदर्शन कर रहे हैं। कीमतों को वापस लेने की मांग के साथ सोशल मीडिया पर गुस्से वाले पोस्ट भरे पड़े हैं।
COVID-19 महामारी ने पूरी दुनिया की तरह हमारे पड़ोसी राज्य श्रीलंका को भी प्रभावित किया है। इस कारण से ही सरकार ने विदेशी मुद्रा भंडार को बचाने के लिए आयात नियंत्रण की शुरुआत की है। इस साल जुलाई के अंत तक श्रीलंका का विदेशी भंडार नवंबर 2019 में 7.5 बिलियन अमरीकी डॉलर से गिरकर 2.8 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया था।
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