Pakistan के परमाणु कार्यक्रम के जनक Abdul Qadeer Khan का 85 वर्ष की उम्र में रविवार को निधन हो गया है। डॉक्टर अब्दुल कदीर खान की तबीयत शनिवार रात से बिगड़ने लगी, जिसके बाद उन्हें रविवार सुबह 6:00 बजे एंबुलेंस से केआरएल अस्पताल लाया गया और जहा डॅाक्टर उन्हें बचा नहीं पाए।
1998 में जब पाकिस्तान ने अपना परमाणु परीक्षण किेया था तो रातों-रात वाे राष्ट्रीय नायक बन गए थे। परीक्षणों के बाद, पाकिस्तान मुस्लिम दुनिया में एकमात्र परमाणु शक्ति और परमाणु हथियार रखने वाला सातवां देश बन गया था। इसलिए पाकिस्तान में डॉ. कादिर खान को ‘मोहसिन-ए-पाकिस्तान’ यानी पाकिस्तान का रक्षक भी कहा जाता था।
बीमारी के दौरान इमरान खान ने हालचाल नहीं पूछा
अपनी मृत्यु से कुछ दिन पहले परमाणु वैज्ञानिक ने अस्पताल में इलाज के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) को लेकर नाराजगी व्यक्त की थी। उन्होंने कहा था कि जब पूरा देश उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना कर रहा था, तब प्रधानमंत्री और उनके एक भी सरकारी अधिकारी ने उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछताछ के लिए फोन तक नहीं किया।
तीन राष्ट्रपति पुरस्कार पाने वाले पहले पाकिस्तानी
डॉ खान पहले पाकिस्तानी थे जिन्हें तीन राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्हें दो बार निशान-ए-इम्तियाज (ऑर्डर ऑफ एक्सीलेंस) और एक बार हिलाल-ए-इम्तियाज (क्रिसेंट ऑफ एक्सीलेंस) से नवाजा जा चुका है।
भारत में जन्में थे
डॉ अब्दुल कादिर खान का जन्म 1 अप्रैल 1936 को भारत के भोपाल में हुआ था। 1947 में बटबारे के बाद वह अपने परिवार के साथ पाकिस्तान चले गए थे। उन्होंने 1967 में नीदरलैंड के एक विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की और बाद में बेल्जियम से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की।
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