Praful Khoda Patel: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को ट्वीट किया कि क्या प्रफुल्ल खोड़ा पटेल (Praful Khoda Patel) दिल्ली के उपराज्यपाल बन सकते हैं? अब इसको लेकर सियासत भी तेज हो गयी है। आइए आपको बताते हैं कि आखिर प्रफुल्ल खोड़ा पटेल (Praful Khoda Patel) कौन हैं, जिन्हें दिल्ली का उपराज्यपाल बनाए जाने को लेकर हंगामा हो रहा है?
Praful Khoda Patel के पिता के करीबी रहे हैं पीएम मोदी
प्रफुल्ल पटेल के सियासी सफर की बात की जाए तो उन्होंने साल 2007 में गुजरात विधानसभा चुनाव में हिम्मतनगर सीट से जीत दर्ज की थी। उनके पिता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य थे। जानकारों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रफुल्ल पटेल के पिता से बहुत अच्छे संबंध थे।
अमित शाह जेल गए तो नरेंद्र मोदी ने सौंपी बड़ी जिम्मेदारी
प्रफुल्ल पटेल को नरेंद्र मोदी ने गुजरात के सीएम रहते हुए गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया था। प्रफुल्ल पटेल नरेंद्र मोदी के लिए कितने अहम हैं? इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब अमित शाह को जेल जाना पड़ा था उस समय नरेंद्र मोदी ने अमित शाह के गृह विभाग समेत 10 विभागों में से 8 विभाग पटेल को सौंप दिए थे। हालांकि प्रफुल्ल पटेल 2012 के विधानसभा चुनाव में हार गए थे।
नरेंद्र मोदी ने प्रशासक की नियुक्ति को दिया सियासी रंग
इसके बाद जब नरेंद्र मोदी ने दिल्ली की सियासत में कदम रखा और पीएम बने तो प्रफुल्ल पटेल को केंद्र शासित प्रदेश का प्रशासक नियुक्त किया गया। पटेल की नियुक्ति इसलिए भी खास है क्योंकि इससे पहले प्रशासक के रूप में आईएएस अधिकारी ही नियुक्त होते आए थे।
प्रफुल्ल पटेल का इन विवादों से रहा है नाता
10 अप्रैल 2019 को चुनाव आयोग ने प्रफुल्ल पटेल को एक नोटिस जारी किया, जिसमें कहा गया था कि उनके कार्यों ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के प्रावधानों का उल्लंघन किया है। आयोग ने पटेल को कलेक्टर कन्नन गोपीनाथन को चुनाव अवधि के दौरान निर्देश देने के लिए फटकार लगाई थी। 2019 में प्रफुल्ल पटेल द्वारा निर्देश दिया गया था कि मछुआरों की जमीन को जब्त कर लिया जाए जिसके बाद विरोध प्रदर्शन हुआ था।
यही नहीं लोकसभा सांसद मोहनभाई संजीभाई देलकर ने 22 फरवरी 2021 को मुंबई के होटल सी ग्रीन में 15 पेज का सुसाइड नोट छोड़ कर आत्महत्या कर ली थी। नोट में प्रफुल्ल पटेल का नाम लिया गया था।
प्रशासन की लापरवाही के चलते लक्षद्वीप में कोरोना के मामले बढ़ने को लेकर भी पटेल की आलोचना हुई थी। पटेल ने नीतिगत बदलाव भी किए जिसमें बंदरगाह अधिकारियों को केरल में बेपोर बंदरगाह और कोचीन बंदरगाह के साथ संबंध खत्म करने और सभी समुद्री लेनदेन को न्यू मैंगलोर बंदरगाह शिफ्ट करने के निर्देश शामिल हैं।
इसके अलावा सभी डेयरी फार्मों को बंद करने का आदेश , डेयरी उत्पादों को गुजरात स्थित अमूल से आयात करना,शराब प्रतिबंध भी हटाना और बीफ पर प्रतिबंध लगाना और स्कूल मध्याह्न भोजन योजना से मांस हटाने जैसे आदेश भी शामिल थे।
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