Partha Chatterjee: ED ने पश्चिम बंगाल के कैबिनेट मंत्री पार्थ चटर्जी को सरकारी स्कूलों में भर्ती घोटाले के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले, पार्थ चटर्जी के करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर पर भी ईडी ने छापेमारी की, जहां उनके घर से 500 और 2000 के नोटों बड़ी खेप बरामद हुई। आइये जानते हैे कौन हैं पार्थ चटर्जी! पार्थ चटर्जी का जन्म कोलकाता में हुआ था। पार्थ चटर्जी के राजनीतिक करियर की बात करें तो इनका राजनीतिक करियर 2001 में चमका। इस साल पार्थ चटर्जी बेहाला पश्चिम बंगाल विधासभा से पहली बार विधायक बने। पार्थ चटर्जी की गिनती सीएम ममता बनर्जी के भरोसेमंद नेता के तौर पर होती है। पार्थ चटर्जी 5 बार विधायक रह चुके हैं।

Partha Chatterjee: 2011 में पहली बार बने कैबिनेट मंत्री
बता दें कि पार्थ चटर्जी पहली बार 2011 में कैबिनेट मंत्री बने। इसके बाद 2016 के विधानसभा चुनाव जीते और इन्हें उच्च शिक्षा विभाग का मंत्रालय सौंपा गया। 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में पार्थ चटर्जी की लगातार 5वीं जीत के बाद उन्हें वाणिज्य और उद्योग, सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स के विभाग का मंत्री बनाया गया।

क्या है शिक्षा भर्ती घोटाला?
आरोप है कि पार्थ चटर्जी के ममता बनर्जी सरकार में शिक्षा मंत्री रहते हुए 1002 ऐसे लोगों कि नियुक्ति हुई जिन्होनें या तो परीक्षा ही नहीं दी या पास ही नही हुए। इस मामले के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने जांच के लिए पूर्व न्यायधीश रंजीत कुमार के नेतृत्व कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी में पार्थ चटर्जी सहित एसएससी के चेयरमैन सौमित्र सरकार, मध्य शिक्षा परिषद के चेयरमैन कल्याणमय गांगुली, एसएससी के सचिव अशोक कुमार साहा, पूर्व चेयरमैन सुब्रत भट्टाचार्य, आंचलिक चेयरमैन शर्मिला मित्रा, सुभोजित चटर्जी, शेख सिराजुद्दीन, महुआ विश्वास, चैताली भट्टाचार्य और बोर्ड के टेक्निकल ऑफिसर राजेश लायक को इस पूरे भ्रष्टाचार के लिए कमेटी ने जिम्मेवार ठहराया गया था।
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