देश के पहले CDS General Bipin Rawat की मौत से पूरा देश मर्माहत है। पूरे देश में शोक की लहर है। देश के विशिष्ठ और अति विशिष्ठ लोग जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत सहित कुल 13 सैन्य अधिकारियों की मौत पर शोक व्यक्त कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक वायुसेना की टीम ने दुर्घटनास्थल के पास से ब्लैक बॉक्स को प्राप्त किया है। इस ब्लैक बॉक्स के जरिए अब पता चल पाएगा कि आखिरी वक्त जनरल बिपिन रावत और अन्य सैन्य अधिकारियों के साथ क्या हुआ था।
ब्लैक बॉक्स क्या है?
ब्लैक बॉक्स सुनने में ऐसे लगता है जैसे मानों काले रंग का कोई बॉक्स है। लेकिन ब्लैक बॉक्स न तो काले रंग का होता है और न ही बॉक्स के आकार का होता है। ब्लैक बॉक्स एक कंप्रेसर के आकार का डिवाइस होता है। यह किसी भी प्लेन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। विशेषज्ञ इस बात से असहमत हैं कि इसका नाम ब्लैक बॉक्स कैसे पड़ा? इसको बनाने का श्रेय ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिक David Warren को दिया जाता है। डेविड वारेन ने इसकी खोज 1950 के दशक में की थी। ब्लैक बॉक्स सभी कमर्शियल एयरलाइनर, पैसेंजर प्लेन, कार्गो और फाइटर प्लेन में लगा होता है। यह भविष्य में होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने में मदद करता है क्योंकि यह विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले महत्वपूर्ण जानकारी एकत्र करता है। ब्लैक बॉक्स टाइटेनियम धातु का बना होता है।
ब्लैक बॉक्स की खासियत की बात करें तो यह बिना बिजली के भी 30 दिन तक काम करता रहता है। दुर्घटना होने के बाद यह बॉक्स जिस स्थान पर गिरता है वहां यह प्रत्येक सेकेण्ड एक बीप की आवाज/तरंग लगातार 30 दिनों तक निकालता रहता है।
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